SMPS क्या है ? What is SMPS in Hindi ? इसका पूरा नाम क्या है ? कैसे काम करता है ? कितने प्रकार के होते है ? कहा इस्तेमाल होता है ? इसके लाभ क्या है ? ये सभी सवालों के सटीक जवाब देने की कोशिश की है। आशा है ये आपको पसंद आयेगा और आपके लिए मददगार भी होगा।
Full Form of SMPS
Switch Mode Power Supply
SMPS क्या है ? What is SMPS in Hindi ?
SMPS ये इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स दोनों के मिलन से बना हुआ एक उपकरण है। जिसमे इनकमिंग वोल्टेज इलेक्ट्रिकल के (230V AC) होता है। पर आउट गोइंग वोल्टेज इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के लिए इस्तेमाल होते है। जिसका आउट पुट काफी कम वोल्टेज का होता है। जैसे की (5V,6V,12V, 24V, 48V DC).
एक सेकंड मे कही बार स्विचिंग (ऑन-ऑफ) प्रक्रिया होने के कारण इसे Switch Mode Power Supply कहते है।
SMPS का मुख्य उदेश्य पावर सप्लाई को स्टेप डाउन करके, स्मूथ करके उपकरण को प्रदान करना होता है।
सिंपल तरीके से समजे तो आज हम सब SMPS का इस्तेमाल करते है। लगभग हरएक के पास मोबाइल है। मोबाइल का चार्जर एक SMPS ही है। जिसे हम इनकमिंग 230 V AC प्रदान करते है, पर आउटपुट 5 वाल्ट मिलता है जिसे मोबाइल चार्ज होता है।
इसके आलावा कंप्यूटर के अलग-अलग कार्ड को पावर देने के लिए SMPS का इस्तेमाल होता है। इलेक्ट्रॉनिक device जहा उपयोग होती है वहां निश्चित रुप से Switch Mode Power Supply का इस्तेमाल होता है।
याद रखे – हमारे घरमे और उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली बिजली AC (Alternating Current) होता है। जबकि बैटरी से मिलने वाला वोल्टेज DC होता है।
इंडस्ट्रीज के उपकरणों में ज्यादातर SMPS Power Supply का इस्तेमाल होता है। जैसे की PLC सिस्टम में उपयोग होता है। VFD में इस्तेमाल होता है। और भी मशीन होते है, जिसमे इलेक्ट्रॉनिक कार्ड्स का इस्तेमाल हुआ हो। उसमे Switch Mode Power Supply का इस्तेमाल होता है।
SMPS अलग-अलग कैपेसिटी में उपलब्ध है। करंट कैपेसिटी में 5 एम्पेयर से लेके 15 एम्पेयर तक होते है। आउट पुट वोल्टेज -5 वाल्ट dc से लेके 48 वाल्ट dc तक मिलते है। ये सिंगल आउटपुट में भी मिलता है और एक से ज्यादा आउटपुट में भी मिलता है। हमें कोनसा खरीदना है, ये हमारी जरुरियात पे आधार रखता है।
स्विच मोड पावर सप्लाई (SMPS) एक इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण है। जो PWM (Puls with Modul) स्विचिंग हाई फ़्रिक्वेन्सी और इंडक्टर एवम कैपेसिटर के उपयोग से हमें पावर उपलब्ध कराता है। ये एक प्रकार का ट्रांसफार्मर ही है। जहा वोल्टेज स्टेप डाउन किया जाता है।
SMPS Power Supply काम कैसे करता है ? SMPS working ?
Switch Mode Power Supply में सबसे पहले इनपुट सप्लाई 230 वाल्ट AC प्रदान की जाती है। जो सबसे पहले इनपुट Rectifier में जाता है। यहाँ से फ़िल्टर होके switching डिवाइस की और बढ़ता है।
Pules With Module(pwm) का उपयोग करके ट्रांजिस्टर की switching प्रणाली को कंट्रोल किया जाता है। और pwm duty साइकिल से ही आउटपुट कण्ट्रोल किया जाता है।
इसके बाद मिलने वाले DC आउटपुट को फ़िल्टर सर्किट से फ़िल्टर किया जाता है।
इसी हाई वैल्यू के DC को इन्वेटर से कम करके AC में कन्वर्ट किया जाता है।
बादमे ट्रांसफार्मर से इसे स्टेप डाउन किया जाता है। जहा वोल्टेज का का मूल्य हमारी जरुरियात के मुताबित रखा जाता है।
ट्रांसफार्मर से मिलने वाले आउटपुट को डायोड सर्किट से फिर से DC में कन्वर्ट किया जाता है।
लॉ वोल्टेज DC को स्मूथ करने के लिए एक बार फिरसे फ़िल्टर से गुजरना पड़ता है।
इसके बाद जो हमें आउटपुट मिलता है वो शुद्ध DC सप्लाई मिलता है। जिसे हम अपने उपकरण में इस्तेमाल करते है।
इसमें इस्तेमाल होनेवाला ट्रांसफार्मर 60hz पे काम करता है। इसकी कार्यक्षमता अच्छी होती है।
SMPS Circuit – DC Power Supply Circuit
निचे SMPS का सर्किट डायग्राम दिया है। इससे हम पूरी सर्किट को समज सकते है।
Parts of SMPS (Switch mode power supply)
Switch Mode Power Supply अलग-अलग भागो से बना एक उपकरण है। सभी भागो का काम भी अलग-अलग है। सब अपना अपना काम करने के बाद हमें शुद्ध DC सप्लाई आउटपुट में मिलता है।इसके पार्ट्स और कार्य को विस्तार से समझते है।
Rectifier यूनिट – Rectifier यूनिट में डायोड का इस्तेमाल होता है ये इनपुट AC को DC में कन्वर्ट करता है।
इन्वर्टर – ये एक वोल्टेज कनवर्टर ही है। जो DC से AC में कन्वर्ट करता है।
आउटपुट Regulator – आउटपुट में मिलने वाले वोल्टेज के मूल्य को रेग्युलेट करता है।
ग्लास फ्यूज – ये एक प्रोटेक्शन डिवाइस है। किसी भी असामान्य स्थिति में ये फ्यूज सप्लाई कट कर देता है। जिसके कारण smps को किसी भी तरह का नुकशान नहीं होता।
आउटपुट Rectifier और फ़िल्टर – Rectifier का काम वही DC से AC में कन्वर्ट करना होता है। फ़िल्टर वोल्टेज की अशुद्धि को दूर करके हमें शुद्ध पावर सप्लाई प्रदान करता है।
ट्रांसफार्मर – ट्रांसफार्मर का काम वोल्टेज के मूल्य को स्टेपअप और स्टेप डाउन करने का होता है।
कपैसिटर – इलेक्ट्रॉनिक्स कार्ड में कपैसिटर होना आम बात है। ये पावर को फ़िल्टर भी करता है और एनर्जी का संग्रह भी करता है।
रेजिस्टर – Resistor भी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की जरुरियात है। ये एक प्रतिरोध है जहा किसी मूल्य को कण्ट्रोल करना हो वह इसका इस्तेमाल होता है।
पावर ट्रांजिस्टर – पावर को एम्प्लिफाय करते है। जो ज्यादा पावर सप्लाई करते है उसे पावर ट्रांजिस्टर कहते है। जो NPN और PNP के रुप में मिलते है।
अल्लुमिनियम हीट सिंक – SMPS Power Supply इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होने के कारण हीट जनरेट होना आम बात है। अल्लुमिनियम हीट सिंक से गरमी दूर की जाती है। टेम्प्रेचर कम किया जाता है।
कूलिंग फैन – कूलिंग फैन का इस्तेमाल ज्यादा कैपेसिटी के SMPS में होता है। इसका काम सर्किट को कूलिंग करने का है।
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Instrument Interview Questions
Types of SMPS – पावर सप्लाई के प्रकार
Modular के आधार पे SMPS के प्रकार
Non Modular Power Supply
Semi Modular Power Supply
Full Modular Power Supply
सर्किट के आधार पे SMPS के प्रकार
Switch Mode Power Supply के प्रकार उसकी सर्किट के आधार पे होते है। सभी SMPS का कार्य एक जैसा ही है। सब में इनपुट 230 वाल्ट AC रहता है और आउटपुट हमारी जरुरियात के मुताबिक स्मूथ D.C होता है। पर ये पूरी प्रक्रिया के दौरान जिस सर्किट का इस्तेमाल होता है उसके आधार पे उसके प्रकार होते है।
DC to DC Convertor
जहा हमारे पास इनपुट पावर DC है और आउट पुट पावर भी DC चाहिए ऐसी जगह पे इस प्रकार के SMPS का इस्तेमाल होता है। उदहारण के तोर पे। …
इसका इस्तेमाल ज्यादातर कार,ट्रक,बस एवम बाइक में ज्यादा होता है। वैसे दो प्रकार के DC to DC Converter होते है।
1- Linear, 2- Switched
लीनियर में प्रतिरोध से वोल्टेज कण्ट्रोल करके आउटपुट सेट किया जाता है।
Switched मोड में PWM से स्विचिंग होता है। इनपुट स्टोर करके समयांतर पे रिलीज किया जाता है। ये फिक्स DC को वेरिएबल DC में बदल देता है।
Forward Convertor
इस प्रकार के कनवर्टर में इनपुट और आउटपुट को अलग करने के लिए एक ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है। एक से ज्यादा आउटपुट लेने के लिए ट्रांसफार्मर में एक अधिक सेकंडरी होती है।
इस प्रकार के कनवर्टर में ट्रांसफार्मर की प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों में से एक साथ करंट फ्लो होता है। इस प्रकार के Switch Mode Power Supply के आउटपुट में कपैसिटर की जरुरत नहीं होती।
इसमें ट्रांजिस्टर ऑन होता है तब इंडक्टर में एनर्जी स्टोर होती है। और ट्रांजिस्टर ऑफ होता है तब एनर्जी ट्रान्सफर होती है। ये कीमत में Flyback से महंगा होता है।
Flyback Converter
DC to DC और AC to DC कन्वर्ट करने के लिए इस्तेमाल होता है। ये कनवर्टर इलेक्ट्रो मेग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत से काम करता है। इस प्रकार के कनवर्टर में इंडक्टर की जगह पावर ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल होता है।
इसमें इनपुट और आउटपुट दो नो अलग है और आउटपुट इनपुट से ज्यादा भी होता है और कम भी होता है। ये हमारी जरूरियात पे आधार रखता है। कण्ट्रोलेबल स्विच होता है जिसे पावर ट्रांसफार्मर की सीरीज में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ट्रांसफार्मर की सेकेंडरी साइड में एक डायोड भी रहता है।
Self Oscillation Fly back Convertor
SMPS कनवर्टर में जब स्विच चालू किया जाता है तब इंडक्टर एनर्जी का संग्रह करता है। Self Oscillation Fly back Converter भी इसी सिद्धांत पे काम करता है। Component कम होने के कारण ये सस्ता रहता है। इसकी कार्य क्षमता भी अच्छी होती है। ये कनवर्टर को कम से कम 10% लोड पे चलाया जाना चाहिए।
DC मोटर के प्रकार एवं कार्य प्रणाली
ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत,भाग
What is SMPS in Hindi के इस आर्टिकल में Switch Mode Power Supply से जुडी सभी जानकारी साजा की है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगी। इससे सम्बंधित कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।
1 Comment
Bhai jb koi tar ko direct joda jata hai tar sat kr jata hai kintu wah tangastan ke Madham se joda jata hai to sat Kyo Nhi karea hai