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PLC In Hindi – प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोल

What is PLC  in Hindi 

PLC का फुल फॉर्म Programmable Logic Controller हे। PLC In Hindi के इस आर्टिकल में विशेष तरीके से समजने की कोशिश करेंगे।

PLC में एक प्रोग्राम बनाया जाता हे। जो हमारी जरुरियात के अनुशार काम करता हे।

फैक्ट्री में उत्त्पादन के लिए बहुत सारी प्रक्रिया होती हे। मशीनरी के नियंत्रण एवं एक के बाद एक प्रक्रिया के लिए PLC का इस्तेमाल जरुरी हे। आज बहुत सारे उद्योगों और मशीनो में इसका उपयोग होता हे।

टेम्प्रेचर कंट्रोल, प्रेशर कंट्रोल, बिजली के इंटर लॉक के प्रोग्राम तैयार किया जाता हे। इसे एक मैमोरी में स्टोर किया जाता हे। कंप्यूटर के जरिये इसका संचालन होता हे।

PLC की खोज उद्योगों में ऑटोमेशन की जरुरियात को ध्यान में रखके किया गया था।

हार्ड वायरिंग की जगह पे सॉफ्टवेर से किये गये प्रोग्राम के तहत काम करता हे।

PLC से पहले ऑटोमेशन करने के लिये बहुत सारे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता था। जैसे की बहुत सारी रिले,टाइमर,सिक़्वेन्स कन्ट्रोलर का उपयोग किया था।

जिसमे लागत भी ज्यादा होती थी,और समय भी ज्यादा लगता था।

प्रोग्रम्मेब्ले लॉजिक कंट्रोल PLC में I/O (Input/output) मुख्य बाबत हे।  कितने DO(Digital Output ) हे।  कितने DI (Digital Input) हे ,और कितने AI( Analog Input) हे। इसीके आधार पे PLC का सिलेक्शन किया जाता हे।

PLC Classiication – Types  of  Plc

प्रोग्रामेबल लॉजिक कण्ट्रोल (PLC) के प्रकार I/O के आधार पर दर्शाया गया है।  

PLC Size I/O Count
Micro PLC 0 to 32
Small PLC 32 to 128
Medium PLC 128 to 2048
Large PLC 1024 to 4096
Very Large PLC 2048 and above

 

PLC कैसे काम करता हे ?

 

एक प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोल बनाये गये प्रोग्राम के आधार पे काम करता हे। हमारी जरुरत के मुताबिक हम कंप्यूटर में प्रोग्राम तैयार करते हे। जिसे एक केबल के जरिये PLC में अपलोड किया जाता हे। जो पीएलसी की मेमोरी में save हो जाता हे।

PLC in Hindi

 

PLC के लिए तैयार किये गए प्रोग्राम को हम लैडर डायग्राम भी कहते हे। हर एक PLC में अलग अलग रेंज में Memory होती हे। एक तरह से ये plc की कैपेसिटी ही है। हम पीएलसी में कितने I/O का इस्तेमाल करने वाले हे इसके आधार पे हम मेमोरी का सिलेक्शन करते हे।

कोई भी प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोल दो मॉड्यूल में होता हे। एक इनपुट और एक आउटपुट।  इनपुट मॉड्यूल पैरामीटर के इनपुट लेता हे। आउटपुट मॉडयूल इनपुट पैरामीटर और प्रोग्राम के आधार पे किसी मशीन या मोटर को ऑपरेट करता हे। इनपुट और आउटपुट के बिच की कड़ी CPU हे। जो एक तरफ से डाटा कलेक्ट करके दूसरी तरफ सिग्नल देता हे।

PLC Working In Hindi – Step By Step 

 

1 – सिस्टम चालू करते ही उपकरण के मॉनिटरिंग की सायकल चालू होती हे।        

2 – किसीभी उपकरण के पैरामीटर PLC में इनपुट के तोर पे दिये जाते हे।

3 – CPU इनपुट को जांचना चालू कर देता हे। और मिलने वाले सिग्नल को चेक करता हे।  

4 – PLC का आउटपुट प्रोग्राम के हिसाब से काम करने का सिग्नल देता हे।

5 – जिस तरह से प्रोग्राम किया गया हे उसे Executes करता हे।

 

PLC  को इनपुट देने वाली डिवाइस

 

  • स्विच एंड पुशबटन
  • सेंसिंग डिवाइस
  • लीमिट स्विच
  • फोटोइलेक्ट्रिक सेंसर
  • प्रोक्सिमिटी सेंसर
  • प्रेशर स्विच
  • टेम्प्रेचर स्विच
  • लेवल स्विच
  • फ्लोट स्विच
  • वैक्यूम स्विच

 

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PLC के आउटपुट सिग्नल जिसे दिया जाता हे वो उपकरण

 

  • मोटर स्टार्टर
  • सोलेनाइएड
  • एक्चुएटर
  • फैन
  • स्टैक लाइट
  • कंट्रोल रिले
  • टोटलाइज़र
  • काउंटर
  • पंप
  • प्रिंटर

इंटरव्यू में जाने से पहले इसे एक बार जरुर पढ़े – Tips

 

PLC का चयन करते वक्त क्या ध्यान रखना चाहिए – How to  Select PLC ?

 

प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोल का चयन करने के लिये महत्व के पॉइंट दिये गए हे। 

 

1 – हम जिस सिस्टम को चलना चाहते हे, वो AC या DC वोल्टेज से ऑपरेट करने वाले हे।

2 – PLC की मेमोरी हमारे प्रोग्राम को चलाने के लिये सक्षम हे या नहीं ये देखना हे।

3 – हमारी जरुरत के मुताबिक ये फ़ास्ट चल पायेगा ये देखना जरुरी हे।

4 – PLC में प्रोग्राम बनाने के लिये कोनसा प्रकार का सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करना हे।

5 – हमारे सिस्टम ऑपरेशन के लिए जितने इनपुट आउटपुट (IO) चाहिये वो PLC में हे ये देखना जरुरी हे।

6 – PLC में जरुरत के मुताबिक एनालॉग इनपुट हे ? उसको चला सके इतनी क्षमता हे ये चेक करना चाहिए।

7 – हमारे PLC सिस्टम को हम किस तरह कम्यूनिकेट करना चाहते हे ये त्यय होना चाहिए।

8 – यदि हम नेटवर्क कनेक्टिविटी चाहते हे तो ये फैसिलिटी PLC ये की नहीं ये चेक करना चाहिए। 

 

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PLC के प्रकार

 

प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोल मुख्य दो प्रकार के होते हे।

1- Compact PLC

इस प्रकार की पीएलसी plc में यदि हम कैपेसिटी बढ़ाना चाहे तो नहीं बढ़ा सकते।
इसमें उपयोग में होने वाले कार्ड एवम I/O मॉड्यूल फिक्स होते हे। जिसे बढ़ा नहीं सकते। कितने इनपुट और आउटपुट होंगे वो सिर्फ इसे बनाने वाले ही त्यय करते हे।

2 – Modular PLC

इस प्रकार की PLC में हम कैपेसिटी बढ़ा सकते हे। मॉड्यूल जोड़ सकते हे। कार्ड जोड़ सकते हे,इसीलिए इनपुट और आउटपुट I/O को बढ़ा सकते हे। इस प्रकार की PLC के पार्ट अलग होने से इस पार्ट को जोड़ के कैपेसिटी बढ़ा सकते हे।

 

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