What is Fire In Hindi के इस आर्टिकल में आग के प्रकार ? आग का क्लासिफिकेशन ? अग्निशामक का प्रकार ? आग क्यों लगती है ? कैसे बुझायी जाती है। इसकी विस्तृत माहिती दी गयी है। आशा है, ये आपके लिए मददगार होगी।
आग क्या है ? What is Fire In Hindi ?
फायर शब्द सुनते ही आँखों के सामने एक चित्र बन जाता है। जिसमे ज्वलन शील पदार्थ जल रहा हो, आग और धुए की लपटे दिखाई दे रही हो, असहनीय तापमान हो, इसे आग या अग्नि कहा जाता है।
फायर ये एक रासायनिक प्रक्रिया है। जिसे combuntion प्रक्रिया भी कहते है। किसी भी पदार्थ का एक इग्निशन पॉइंट होता है। याने उस पदार्थ को जलाने वाला तापनाम। तापमान की एक सिमा जहा पदार्थ में आग प्रज्जवलित हो जाती है। उसे इग्निशन पॉइंट कहते है।
हिन्दू शास्त्रों के अनुशार अग्नि पवित्र है। अग्नि की साक्षी में सात फेरे लेकर वैवाहिक जीवन की शरुआत करते है। यहाँ पवित्र अग्नि का पूजन होता है।
मनुष्य के जीवन में आग का बहुत महत्व है। दिन में बहुत सारी परिश्थितियां होती है, जहा हम आग लगाते है। ये हमारे लिए वरदान के स्वरुप है।
पर अनचाही आग बहुत बड़ा विनाश का सर्जक बनती है। कही बार ऐसी असुरक्षित परिस्थितिया होती है। जहा हम नहीं चाहते फिरभी आग लग जाती है। ऐसी आग विकरार रूप धारण करती है। और विनाश करती है। हमें इस परिस्थिति से बचना है।
आग की परिभाषा – Fire Definition Hindi
ईंधन, तापमान और ऑक्सीज़न की रासायनिक प्रक्रिया से होने वाले रिएक्शन को आग कहते है। जिसके प्रज्ज्वलित होने से प्रकाश और तापमान उत्पन्न होता है। जिसमे आग और धुएं की लपटे हमें दिखाई देती है। इसे फायर कहते है।
आग लगने के लिए क्या प्रक्रिया होती है ? –
आग लगने के लिए, फायर के लिए एक ट्रायंगल की जरुरत होती है। किसी भी पदार्थ ऐसी परिस्थिति में पाए जाते है, जहा एक ट्रायंगल बनता है। तो वहां आग लग जाती है। ये ट्रायंगल ईंधन, ऑक्सीज़न और तापमान का होता है। ये तीनो मिल जाते है तो आग का निर्माण हो जाता है।
1- ईंधन – आग लगने के लिए ईंधन याने कोई आग लगने वाला पदार्थ।
2- ऑक्सीज़न – आग लगने के लिए ऑक्सीज़न जरुरी है। वैसे ऑक्सीज़न हवामे सामेल है। वही से आपूर्ति हो जाती है।
3- तापमान – उस जगह का तापमान ज्यादा होना। पदार्थ के इग्निशन पॉइंट तक का तापमान हो।
Fire Trianlge
कही पे भी आग लगने के लिए ये तीन मुख्य बाबत है। यदि हम अग्नि को प्रजवल्लित करते है, या कोई अनचाही फायर हो जाती है, तो ये परिस्थिति बनने के बाद ही फायर हो सकता है। ईंधन ( पदार्थ ), ऑक्सीज़न और तापमान ये तीन जीचों के मिलान से फायर का निर्माण होता है। इसे सुरक्षा की भाषामे फायर ट्रायंगल भी कहते है। जिसे हम ऊपर की आकृति में देख सकते है।
Types of Fire – आग के प्रकार
बरसो पहले जब फायर का क्लासिफिकेशन नहीं था, तब आग को बुझाना बहुत मुश्किल होता था। कोनसे प्रकार की आग है ? और इस आग को बुझाने के लिए सही अग्निशामक कोनसा है ? ये सभी चीजे परेशान करती थी और समय की बर्बादी भी करती थी। इसीलिए फायर के क्लास त्यय किये गए।
कोनसे क्लास की फायर पे कोनसा एक्सटीन्गुइशेर इस्तेमाल करना चाहिए ये भी त्यय हो गया। जिसे फायर को समझने में और आग को बुझाने में बहुत मदद मिलती है।
आग लगने का मुख्य स्तोत्र ईंधन ( पदार्थ ) है। इस ईंधन के आधार पर आग के प्रकार की रचना की गयी है। जलने वाले ईंधन के गुणधर्मो के आधार पर अलग – अलग श्रेणी में बाट दिया गया है। जिसे हम निचे विस्तार से समझेंगे।
टाइप्स ऑफ़ फायर में फायर क्लास A,B,C,D,E,F में विभाजित कर दिया गया है। अलग – अलग प्रकार की आग बुझाने के लिए अलग – अलग प्रकार के फायर Extingisher का इस्तेमाल होता है।
Types Of Fire | Conbustible | Example |
A | Solid Substatnce | लकड़ी, कपडा कागज, चमड़ा |
B | Liquids | पेट्रोल, डीजल, केरोसिन नेप्था |
C | Gases | CNG, LPG |
D | Combuntitable Metal | मैग्नेसियम, एल्युमीनियम, सोडियम |
E | Electric Fire | केबल्स, वायर, प्लास्टिक शार्ट सर्किट |
F | Commercial Cooking Oil | कुकिंग आयल, वेजिटेबल आयल, |
फायर के मुख्य चार प्रकार है। यहाँ E और F प्रकार की फायर एडिशनल राखी गयी है। इस प्रकार के फायर की श्रेणी कोनसी होनी चाहिए ये उस परिष्तिथि के अधीन है।
जैसे इलेक्ट्रिक फायर में शार्ट सर्किट से केबल्स ट्रांसफार्मर जैसे सॉलिड पदार्थ जलते है। जो क्लास A में रखे गए है। पर उसपे हम फायर एक्सटीन्गुइशेर Class A का इस्तेमाल नहीं कर सकते । मीन्स इलेक्ट्रिकल फायर पे हम पानी से आग नहीं बुजा सकते।
Fire Class – A
जो आग सॉलिड पदार्थ पे लगती है , उसे क्लास A में रखा गया है। वैसे दुनिया में कोई भी ऐसा पदार्थ नहीं है, जिसपे आग नहीं लग सकती। सबसे ज्यादा आग सॉलिड पदार्थ में लगती है। इसीलिए इसे क्लास A में रखा गया है।
उदाहरण के तोर पे देखे तो, लकड़ी, प्लास्टिक, कपडा, रबर, चमड़ा जैसे सभी पदार्थ पे लगने वाली आग को क्लास A फायर कहा गया है। इस प्रकार की आग को बुझाने के लिए जल से भरा अग्निशामक का इस्तेमाल किया जाता है।
Fire Class – B
लिक्विड को फायर क्लास B की श्रेणी में रखा गया है। जिस लिक्वीड से आग लगती हो, उसे बी क्लास की श्रेणी में रखा गया है।
उदाहरण के तोर पे, पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेप्था, या paint में आग लगती है, तो इसे क्लास बी की आग मानी जाती है।
Fire Class – C
फायर के C क्लास की श्रेणी में जलने वाले गेसिस का समावेश किया गया है। जिसमे हाइड्रोजन, ब्यूटेन , मीथेन, एलपीजी, CNG जैसी गैस ज्वलन शील है। ये आग को तुरंत पकड़ लेती है। इस प्रकार के गैस से होने वाली फायर को C क्लास की फायर कहा जाता है।
Fire Class – D
जलने वाले मेटल को फायर क्लास D की श्रेणी में रखा गया है। बहुत सारी मेटल है, जो तापमान के साथ आग पकड़ लेती है। हरेक धातु का गुणधर्म के हिसँ से उनका फायर पॉइंट अलग – अलग होता है। पर वो पॉइंट पर तापमान जाते ही, उस मेटल में आग लग जाती है।
उदाहण आयरन, मेग्नेशियम, सोडियम, अल्लुमिनियम, कॉपर, जैसी धातु में जो आग लगती है, उसे फायर क्लास डी की आग माना जाता है।
Fire Class – E
इलेक्ट्रिकल फायर को क्लास – E की फायर कहा जाता है। इलेक्ट्रिकल फायर या ने जब किसी उपकरण में इलेक्ट्रिसिटी का प्रवाह चालू है, और उस दौरान उस में आग लग जाती है तो उसे इलेक्ट्रिकल फायर कहते है।
ये आग कोई भी उपकरण जैसे ट्रांसफार्मर, ब्रेकर, स्विच या इलेक्ट्रिक पैनल में लग सकती है। इस प्रकार की आग को क्लास E कहा जाता है।
Fire Class – F
फायर क्लास F में किचन में उसे होने वाले कुकिंग आयल का समावेश किया गया है। हमारे किचन में खाना बनाने की लिए कही प्रकार के आयल का इस्तेमाल होता है। जिसे कुकिंग आयल या वेगीटाब्ले आयल कहते है। इस प्रकार के आयल में आग लग जाती है, तो इसे क्लास F प्रकार की आग कहा जाता है।
फायर का क्लास अलग – अलग देश में अलग – अलग है। यहाँ पे जो क्लास दिया गया है, वो इंडियन स्टैण्डर्ड के हिसाब से है।
Types Of Fire Extinguisher – अग्निशामक के प्रकार
फायर Extinguisher आग को बुझाने वाला उपकरण है। अनचाही परिस्थिति में जो आग लग जाती है, उसे बुझाना जरुरी है। ऐसी आग जो एक बड़ा अकस्मात् का रूप धारण कर सकती है। उसे बुझाना बहुत जरुरी है। ऐसी आग को बुझाने के लिए अग्निशामक ( Fire Extinguisher) का इस्तेमाल होता है।
fire Extinguisher का इस्तेमाल छोटी आग बुझाने के लिए किया जाता है। जहा आग की शरुआत हो, अभी विकरार रूप न लिया हो, ऐसी परिस्थिति में अग्निशामक का उपयोग होता है।
फायर एक्सटीन्गुइशेर अलग – अलग प्रकार के होते है। ये प्रकार आग की श्रेणी के आधार पर तैयार किया गया है। इसे कोनसे क्लास की आग में कोनसा अग्निशामक इस्तेमाल होगा इसके आधार पर फायर Extinguisher का प्रकार दिया गया है।
1- Water Type fire Extinguisher
इस प्रकार का अग्निशामक क्लास A प्रकार की आग बुझाने के लिए किया जाता है। वाटर टाइप फायर एक्सटीन्गुइशेर के ऊपर वाटर का स्टीकर लगा हुआ रहता है। लकड़ी, कागज, रबर जैसे ऑर्गनिक मटेरियल की आग बुझाने के लिए इसका इस्तेमाल खास तोर पे किया जाता है।
वाटर टाइप फायर एक्सटीन्गुइशेर का उपयोग इलेक्ट्रिकल फायर में नहीं कर सकते। क्युकी, इलेक्ट्रिसिटी का वहन पानी में बहुत आसानी से होता है। यदि किसी उपकरण में इलेक्ट्रिक सप्लाई है और इसमें पानी का अग्निशामक चलाएंगे तो, आग बुझाने की कोशिश करने वाले को भी शार्ट लग सकता है।
किचन फायर और Flammable गैस और liquied में आग लगती है, तो इसमें भी वाटर फायर एक्सटीन्गुइशेर का इस्तेमाल नहीं होता है।
2- Form Type fire Extinguisher
इस प्रकार का अग्निशामक का इस्तेमाल क्लास B फायर पे होता है। वैसे कही ऐसी स्थित भी होती है जहा A क्लास फायर में भी इस्तेमाल होता है।
फॉर्म टाइप के अग्निशामक पर FORM का स्टीकर लगा रहता है। और ये क्रीम कलर का स्टीकर होता है, ये इस अग्निशामक की पहचान है।
फॉर्म प्रकार के अग्निशामक का उपयोग आर्गेनिक मटेरियल और Flammable लिक्वीड की आग बुझाने किया जाता है। इस प्रकार का अग्निशामक आग के ऊपर एक लेयर बना देता है। जिसे ऑक्सीज़न मिलना बंध हो जाता है। और आग बुज जाती है।
इलेक्ट्रिक फायर, किचन फायर और मेटल फायर में फॉर्म का इस्तेमाल नहीं करना है।
3- Dry Chemical Powder fire Extinguisher
इस प्रकार के अग्निशामक को DCP के शार्ट नाम से जाना जाता है। जिसे ड्राई केमिकल पाउडर भी कहा जाता है। DCP प्रकार के फायर एक्सटीन्गुइशेर का इस्तेमाल क्लास A , B और C प्रकार की फायर के लिए किया जाता है।
तीनो क्लास की फायर में इस्तेमाल होने कि बजह से इसे ABC टाइप फायर Extinguisher भी कहा जाता है।
इस प्रकार के एक्सटीन्गुइशेर पे Powder लिखा रहता है। और ये ब्लू कलर का लेबल रहता है। इसे कोई भी पहचान सकता है
DCP का उपयोग, आर्गेनिक मटेरियल, Flammable गैस, लिक्वीड, अवं पेट्रोलियम पदार्थ पे भी कर सकते है।
किचन फायर और इलेक्ट्रिक उपकरण के फायर में DCP का इस्तेमाल नहीं करना है।
4- Carbon Dioxide ( CO2) Fire Extinguisher
इस प्रकार का फायर एक्सटीन्गुइशेर इलेक्ट्रिक उपकरण में आग बुझाने किया जाता है। इस प्रकार के फायर एक्सटीन्गुइशेर पे CO2 लिखा रहता है। और उसपे ब्लैक कलर का स्टीकर लगा हुआ रहता है।
CO2 को Flammable Liquied और इलेक्ट्रिक फायर में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
किचन फायर, लकड़ा, आर्गेनिक मटेरियल अवं flammable मेटल में इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते।
5- Wet Chemical
इस प्रकार के फायर एक्सटीन्गुइशेर का इस्तेमाल किचन फायर को बुझाने के लिए किया जाता है। जो फायर क्लास के क्लास F में शामिल है। इस प्रकार के फायर एक्सटीन्गुइशेर पर Wet Chemical लिखा हुआ रहता है। और उसके ऊपर येलो कलर का स्टीकर लगा हुआ रहता है।
वेट केमिकल प्रकार के फायर एक्सटीन्गुइशेर flammable लिक्वीड, गैस, इलेक्ट्रिकल, और मेटल फायर में उपयोग नहीं किया जाता है। इस प्रकार का एक्सटीन्गुइशेर किचन फायर के लिए उत्तम है।
निचे के कोस्टक से समज सकते है, की कहा कोनसा फायर एक्सटीन्गुइशेर इस्तेमाल होता है।
Fire Class | Flammable Material | Use Fire Extinguisher Type |
Class-A Fire | ऑर्गनिक मटेरियल, लकड़ा, रबर, प्लास्टिक | Water fire Extinguisher |
Class-B Fire | ज्वलनशील लिक्वीड, पेट्रोल , डीजल , केरोसिन | Form fire Extinguisher |
Class- C Fire | ज्वलनशील गैस, CNG , LPG | DCP- Dry Chemical Powder |
Class-D Fire | इलेक्ट्रिक फायर, | Co2 Carbon Dioxide |
Class E Fire | किचन फायर | Wet Chemical |
अनचाही आग लगने के कारण
औद्योगिक क्षेत्र में फायर एंड सेफ्टी का बहुत महत्व होता है। कोई भी कंपनी सुरक्षा में कोई कोताही बरतना नहीं चाहती। कंपनी का हर संभव ये प्रयास रहता है, की किसी तरह का कोई अकस्मात् न हो। फिर भी कही बार ऐसी परिश्थिति बन जाती है, जहा से अकस्मात् हो जाते है।
यहाँ कुछ कारण लिखे है, जिसक आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
1- इलेक्ट्रिक फायर में मशीन ओवर लोड होना।
2- केबल में लूज़ कनेक्शन होना ।
3- शार्ट सर्किट होना ।
4- कार्यस्थल पे धूम्रपान करना ।
5- कार्यस्थल को साफ सुथरा नहीं रखना।
6- कोई इलेक्ट्रिक स्पार्क, गैस रिसाव, लिक्वीड रिसाव को अनदेखा करना ।
दोस्तों आग लगने के लिए ईंधन, तापमान और ऑक्सीज़न की जरूरत होती है। पर आग लगने के लिए ऑक्सीज़न की मात्रा कम से कम 16% होना जरुरी है। वैसे ही हम आग बुझा रहे है, तो ऑक्सीज़न की मात्रा 12% होगी तभी आग बुझ पायेगी।
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