Types of Transformer
ट्रांसफॉमर इलेक्ट्रिकल का अभिन्न अंग है। हम ट्रांसफार्मर के बिना इलेक्ट्रिसिटी की कल्पना नहीं कर सकते।
ट्रांसफार्मर के प्रकार
ट्रांसफार्मर के प्रकार अपने उपयोग के आधार पर, बनावट,फेज, कूलिंग, वोल्टेज और वाइंडिंग के आधार पर होता है।
फेज के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार
1 - सिंगल फेज ट्रांसफार्मर
2 - थ्री फेज ट्रांसफार्मर
सिंगल फेज में वोल्टेज लेवल 230 या उससे कम होता है। थ्री फेज में वोल्टेज लेवल 433 होता है।
वोल्टेज के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार
1 - स्टेप उप ट्रांसफार्मर 2 - स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर 3 - ऑटो ट्रांसफार्मर
कोर के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार
1 - कोर टाइप ट्रांसफार्मर
2 - शैल टाइप ट्रांसफार्मर
3 - बैरी टाइप ट्रांसफार्मर
कूलिंग के आधार पर
1 - नेचुरल एयर ट्रांसफार्मर 2 - फोर्स एयर ट्रांसफार्मर 3 - फोर्स आयल एंड एयर ट्रांसफार्मर
1 - सिंगल वाइंडिंग ट्रांसफार्मर 2 - डबल वाइंडिंग ट्रांसफार्मर 3 - मल्टी वाइंडिंग ट्रांसफार्मर
वाइंडिंग के आधार पर
1 - पावर ट्रांसफार्मर
2 - डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर
3 - इम्पीडेन्स ट्रांसफार्मर
4 - पल्स ट्रांसफार्मर
5 - एलिमेंट ट्रांसफार्मर
6 - एयर कोर ट्रांसफार्मर
एप्लीकेशन के आधार पर
इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर
1 - करंट ट्रांसफार्मर - CT
2 - पोटेंशियल ट्रांसफार्मर- PT
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What is Level 2 and Level 3 Transformer
ट्रांसफार्मर के लोसिस को कण्ट्रोल करने के लिए BIS ( Buero of indian Standard) ने कुछ नियम बनाये है।
IS 1180 के तहत नियम 1989 में बनाये गए थे। जिसे 2014 में अपग्रेड किया गया। इसका मुख्य उदेश्य इलेक्ट्रिसिटी का लोसिस कम करना और सेविंग करना है।
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ट्रांसफार्मर में लेवल -1
ये थ्री स्टार उपकरण की तरह है। जो फॉर स्टार और फाइव स्टार से ज्यादा बिजली खपत करता है।
Transformer Level
ट्रांसफार्मर लेवल - 2
लेवल - 2 ट्रांसफार्मर, लेवल - 3 से बेहतर होता है। इसकी कार्यक्षमता अच्छी होती है। एनर्जी सेविंग लेवल 2 से ज्यादा होता है।
Transformer Level - 3
लेवल 3 ट्रांसफॉमर एक तरह से 5 स्टार उपकरण है। एनर्जी सेविंग के लिए ये सबसे उत्तम ट्रांसफार्मर होता है।
ट्रांसफार्मर के हरएक प्रकार के बारेमे विस्तार से जानने के लिए निचे दी गयी लिंक पे क्लिक करे।
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