स्टार डेल्टा स्टार्टर – Star Delta Starter in Hindi
Star Delta starter in Hindi के इस Article मे स्टार डेल्टा कनेक्शन, Star Delta Formula, स्टार डेल्टा स्टार्टर का सिद्धांत, पावर डायग्राम, कन्ट्रोल डायग्राम, स्टार डेल्टा स्टार्टर के लाभ एवम नुकशान और स्टार डेल्टा स्टार्टर से संबधित इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल पे भी विस्तृत में जानकारी देने की कोशिश की हे। आशा हे आप के लिए मददगार होगी।
Star and Delta Connection
निचे की आकृति से Star Delta Connection समज सकते है। स्टार और डेल्टा में वाइंडिंग की स्थिति क्या होती है ? और वाइंडिंग को किस तरह से कनेक्ट किया जाता है ये समज सकते है।
Star Connection
थ्री फेज वाइंडिंग का स्टार कनेक्शन किस तरह होता है ये हम निचे की आकृति में देख सकते है। किसी भी थ्री फेज वाइंडिंग के 6 लीड होते है । यहाँ निचे हम R,Y,B तीन वाइंडिंग के फेज देख सकते है। वाइंडिंग के दूसरे अंत को शार्ट कर दिया जाता है। इसे हम स्टार पॉइंट कहते है। यहाँ तीनो फेज में वोल्टेज प्रदान किया जाता है।
स्टार कनेक्शन में एक वाइंडिंग को मिलने वाले वोल्टेज का मूल्य √3 होता है। लाइन वोल्टेज और फेज वोल्टेज का मूल्य अलग होता है। यहाँ पे ये मूल्य लगभग 230VOLT होता है। याने स्टार वाइंडिंग में प्रति वाइंडिंग वोल्टेज 230 के करीब मिलते है।
Delta Connection
हम थ्री फेज वाइंडिंग का डेल्टा कनेक्शन ऊपर की आकृति में देख सकते है। डेल्टा कनेक्शन में लाइन वोल्टेज और फेज वोल्टेज का मूल्य में कोई तफावत नहीं होता। Delta Connection में स्टार पॉइंट नहीं होता।
यहाँ हम जितना वोल्टेज लाइन वोल्टेज के रूप में प्रदान करते है, इतना ही हमें फेज वोल्टेज मिलता है। याने हरेक वाइंडिंग को प्रदान किया हुआ पूरा वोल्टेज मिलता है।
Star Delta Connection वोल्टेज और करंट की वैल्यू
Parameter | Star Connetion | Delta Connection |
Voltage | Line Voltage=√3* Phase Voltage | Line Voltage = Phase Voltage |
Current | Line Current = Phase current | Line Current = √3* phase Current |
स्टार डेल्टा स्टार्टर-Star Delta Starter
Star Delta Starter मोटर को सलामती पूर्वक चालू करने के लिए, मोटर का रक्षण करने के लिए एवम मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करने के लिए उपयोग किया जाता हे।
मोटर को स्टार्ट करने के लिए और भी कही टाइप के स्टार्टर हे। जैसे की डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर, स्टार डेल्टा स्टार्टर, ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर, सॉफ्ट स्टार्टर, VFD (Variable Frequency Drive) और रोटर रेजिस्टेंस स्टार्टर, जो मोटर को सलामती पूर्वक चालू भी करते हे,और सुरक्षा भी प्रदान करते हे।
What is Star delta starter ?
एक स्टार्टर का काम हे स्टार्ट करना। यहां एक इलेक्ट्रिक मोटर स्टार्टर की बात हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर याने, एक इलेक्ट्रिकल उपकरण जो कही उपकरणों को एकत्रित करके तैयार किया जाता हे।
जिसमे पावर कंटक्टर,कण्ट्रोल कंटक्टर रिले और स्टार्ट स्टॉप पुश बटन का इस्तेमाल होता है। स्टार्टर में पावर और कण्ट्रोल वायरिंग होती है। मोटर की कैपेसिटी के हिसाब से कंटक्टर और रिले का सिलेक्शन होता है।
एक कम्पलीट स्टार्टर मोटर को सलामती पूर्वक ऑपरेट करता है। और जरुरत पड़ने पर मोटर का प्रोटेक्शन भी करता है।
मोटर जब स्टार्ट होती हे, तब स्टार कनेक्शन से कनेक्ट होती हे। और जब मोटर अपने rpm की 80% पे आ जाती हे तब स्टार से डेल्टा में शिफ्ट हो जाती हे।
या ने पहले मोटर स्टार में चलती हे। और रनिंग कंडीशन में डेल्टा में चलती हे। इसीलिए इनको स्टार डेल्टा स्टार्टर कहते हे। जिसका मुख्य काम मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करना और मोटर को सलामती पूर्वक चलाने का हे।
Star Delta Motor Connection
निचे स्टार डेल्टा स्टार्टर का पावर और कण्ट्रोल वायरिंग दिया है। मोटर के साथ कॉन्टेक्टर, स्विच, push बटन एवं टाइमर का कनेक्शन है।
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Star Delta Starter Working Principle
मोटर के वाइंडिंग को शरुआत में स्टार में कनेक्ट किया जाता हे। स्टार का वोल्टेज लेवल लाइन वोल्टेज के सामने √3 होता हे। यहां मोटर को स्टार में कनेक्ट किया जाता हे। पहले समज ले की थ्री फेज मोटर में तीन वाइंडिंग रहती हे।
तीन वाइंडिंग के छ (6) लीड निकलती हे। छ लीड में से तीन को एक साथ कनेक्ट कर दिया जाता हे। ये स्टार हम मोटर पे नहीं पर Contector पे बनाते हे जिसे स्टार Contector कहते हे।
मोटर स्टार में कनेक्ट होने से मोटर को दिया जाने वाला वोल्टेज दो वाइंडिंग में डिस्ट्रीब्यूट हो जाता हे। यदि 3 फेज 433 लाइन वाल्ट हे, तो स्टार कनेक्शन में √3 के हिसाब से 230 वाल्ट ही मिलेंगे।
सिंपल तरीके से समजे तो डेल्टा में जहा एक वाइंडिंग को 433 वाल्ट मिलते हे वहा स्टार में एक वाइंडिंग को 230 volt मिलते हे। इसीलिए स्टार्टिंग करंट जो हे वो कम हो जाता हे। और मोटर आसानीसे रनिंग कंडीशन में आ जाती हे।
स्टार डेल्टा स्टार्टर का उपयोग करने के मुख्य लाभ यही हे की इसे स्टार्टिंग करंट कम हो जाता हे। इसीलिए लाइन में वोल्टेज ड्राप का प्रॉब्लम DOL स्टार्टर की तुलना में कम होता हे।
Star Delta Formula and Star Delta Connection
स्टार डेल्टा में इलेक्ट्रिकल के पैरामीटर की वैल्यू खोजने के लिए फार्मूला बहुत याद होना बहुत जरुरी है। इसमें लाइन वोल्टेज, लाइन करंट फेज वोल्टेज फेज करंट, जैसे पैरामीटर की वैल्यू हम फार्मूला से ही निकाल सकते है।
Star Delta Starter in Hindi
Star Delta Starter Power Diagram
स्टार डेल्टा स्टार्टर में पावर डायग्राम महत्व का है। इसमें गलती हो जाये तो काफी समस्या ओ का सामना करना पड़ता है। मोटर जल भी सकती है। यदि प्रोटेक्शन सही होगा तो ट्रिप हो जाएगी।
ज्यादातर परिस्थिति में कनेक्शन सही नहीं होंगे तो स्टार से डेल्टा में गिरते ही ट्रिप हो जायेगा। स्टार डेल्टा में पावर का कनेक्शन करते वक्त मल्टी मीटर से वाइंडिंग को चेक करके ही करे।
इस प्रकार के Starter में मोटर को जब स्टार्ट किया जाता हे, तब सबसे पहले स्टार कंटक्टर PIC UP होता हे। उसके तुरंत बाद Main कंटक्टर Energize होता हे। और लास्ट में जब मोटर 80% स्पीड पे आ जाती हे,तब डेल्टा कंटक्टर लाइन में आता हे।
यादरखे – टाइमर का सेटिंग ऐसे करे की मोटर की 80% स्पीड होने के बाद ही स्टार से डेल्टा में गिराए।
याने मोटर जब स्टार्ट होती हे तब स्टार और Main कंटक्टर Energize होते हे। और रनिंग परिस्थिति में main और डेल्टा कंटक्टर लाइन में रहते हे।
इसके बाद ओवर लोड रिले होता है,जो मोटर को सुरक्षा प्रदान करता हे। और लास्ट में पावर सप्लाई मोटर को मिलता हे। जिसे मोटर स्टार्ट होती हे।
मोटर के लिए Main स्विच, पावर कंटक्टर, रिले और केबल का सिलेक्शन मोटर की कैपेसिटी पे आधार रखती हे।
Star Delta Control Diagram
कन्ट्रोल सप्लाई main स्विच के आउटपूत से ही लिया जाता हे। नॉर्मली 230V AC और 110V AC होता हे। कन्ट्रोल पावर ऑपरेशन के लिए MCB या फ्यूज रहता हे।
फ्यूज के बाद रिले का ‘NC’ कोन्टक्ट रहता हे। जो किसी भी असाधारण परिस्थितिमे ये कांटेक्ट ‘NO’ हो जाता हे। और मोटर को सुरक्षा प्रदान करता हे।
रिले के कोन्टक्ट के बाद Emergency स्टॉप का ‘NC’ रहता हे। जहासे मोटर को बंध कर सकते हे। इसके बाद रहता हे स्टार्ट जो मोटर को स्टार्ट करने के लिए उपयोग किया जाता हे।
यदि आप इलेक्ट्रिकल से जुड़े हुए है तो, स्टार डेल्टा स्टार्टर का पावर, कण्ट्रोल डायग्राम और वर्किंग अच्छे से याद करले।
Star Delta Starter Control Circuit
Star Delta Starter के कन्ट्रोल सर्किट में मुख्य रोल टाइमर का होता है।
टाइमर का काम स्टार से डेल्टा में चेंज ओवर करना हे। जो हम टाइम सेट करते हे उस हिसाब से टाइम स्टार से डेल्टा में चेंज होता हे।
Main स्टार और डेल्टा कंटक्टर इंटरलॉकिंग से कन्ट्रोल होता हे। जब एक Energize होगा तो दूसरा Deenergize ही रहेगा।
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Star Delta Starter Selection Chart – स्टार्ट डेल्टा मोटर के लिए स्टार्टर का सिलेक्शन चार्ट
किसी भी मोटर स्टार्टर के लिए सिलेक्शन चार्ट बहुत मान्य रखता है। कितने कैपेसिटी का स्टार्टर बनाना है। इसमें कोनसी साइज का स्विच लगेगा। कोनसी साइज का फ्यूज लगेगा। कंटक्टर, रिले केबल की साइज क्या होगी ये जानना बहुत जरुरी है। निचे हरेक कैपेसिटी के स्टार डेल्टा स्टार्टर का चार्ट दिया हुआ है।
Star Delta Starter Selection Chart
Motor capacity | Current – v 415 | SFU | Contactor size | Relay Size | Cable size | ||||
hp | kw | line A | phase A | sfu | main | delta | star | relay Size | power cable |
4 | 3 | 6.4 | 3.7 | 32A | 9A | 9A | 9A | 3.0 -5.0 | 3C*1.5 sq.Cu |
5 | 3.75 | 7.9 | 4.6 | 32A | 9A | 9A | 9A | 3.0-5.0 | 3C*1.5 sq.Cu |
6 | 4.5 | 9 | 5.3 | 32A | 9A | 9A | 9A | 4.5-7.5 | 3C*2.5 sq.Cu |
7.5 | 5.5 | 11.3 | 6.5 | 32A | 9A | 9A | 9A | 4.5-7.5 | 3C*2.5 sq.Cu |
10 | 7.5 | 14.7 | 8.54 | 32A | 9A | 9A | 9A | 6.0-10 | 3C*4 sq Cu |
12.5 | 9.3 | 19 | 11 | 32A | 12A | 12A | 9A | 9.0-15 | 3C*4 sq Cu |
15 | 11 | 22 | 12.8 | 32A | 18A | 18A | 12A | 9.0-15 | 3C*4 sq Cu |
20 | 15 | 29 | 16.5 | 63A | 25A | 25A | 12A | 14.-23 | 3C*6 sq Cu |
25 | 18.5 | 35 | 20.5 | 63A | 25A | 25A | 18A | 14-23 | 3C*6 sq Cu |
30 | 22.5 | 40 | 23 | 63A | 25A | 25A | 18A | 20-33 | 3C*10 sq Cu |
35 | 26 | 47 | 27 | 100A | 32A | 32A | 25A | 20-33 | 3C*10 sq Cu |
40 | 30 | 55 | 31.2 | 100A | 32A | 32A | 25A | 30-50 | 3C*10 sq Cu |
45 | 33.5 | 60 | 34.8 | 100A | 45A | 45A | 32A | 30-50 | 3C*16 sq Cu |
50 HP से ज्यादा कैपेसिटी की मोटर का Star Delta Starter Selection Chart
Motor capacity | Current v 415 | Switch Capacity | Contactor size | Relay Size | Cable Capacity | ||||
hp | kw | line A | phase A | sfu | main | delta | star | relay Size | power cable |
50 | 37.5 | 66 | 38.2 | 100A | 45A | 45A | 32A | 30-50 | 3C*16 sq Cu |
60 | 45 | 80 | 46.2 | 100A | 65A | 65A | 45A | 30-50 | 3C*35 sq. AL |
65 | 48.5 | 87 | 50 | 100A | 65A | 65A | 45A | 45-75 | 3C*35 sq. AL |
70 | 52 | 94 | 54.5 | 125A | 65A | 65A | 45A | 45-76 | 3C*35 sq. AL |
75 | 55 | 100 | 57 | 125A | 65A | 65A | 45A | 45-77 | 3C*50 sq. AL |
90 | 67.5 | 120 | 69.1 | 200A | 80A | 80A | 80A | 45-78 | 3C*50 sq. AL |
100 | 75 | 135 | 77.5 | 200A | 80A | 80A | 80A | 66-110 | 3C*50 sq. AL |
125 | 90 | 165 | 95.5 | 200A | 95A | 95A | 80A | 66-110 | 3C*70 sq. AL |
150 | 110 | 200 | 115 | 250A | 140A | 140A | 95A | 90-150 | 3C*95 sq. AL |
175 | 130 | 230 | 132.5 | 250A | 140A | 140A | 110A | 90-150 | 3C*95 sq. AL |
200 | 150 | 275 | 159.1 | 315A | 185A | 185A | 140A | 135-225 | 3C*120 sq. AL |
240 | 175 | 310 | 178.2 | 400A | 265A | 265A | 140A | 135-225 | 3C*150 sq. AL |
250 | 185 | 325 | 187.5 | 400A | 265A | 265A | 140A | 135-225 | 3C*150 sq. AL |
275 | 204 | 360 | 207.8 | 400A | 265A | 265A | 265A | 135-225 | 3C*185 sq. AL |
300 | 225 | 385 | 221.5 | 630A | 265A | 265A | 265A | 180-300 | 3C*185 sq. AL |
400 | 300 | 500 | 288 | 630A | 325A | 325A | 265A | 180-300 | 3C*240 sq. AL |
स्टार डेल्टा स्टार्टर(S/D) Advantage – लाभ
1 – DOL स्टार्टर की तुलना में स्टार्टिंग करंट कम लेता हे।
2 – वोल्टेज कन्ट्रोल करने वाले दूसरे स्टार्टर से कीमत में सस्ता हे।
3 – S/D Starter में मोटर का स्टार्टिंग करंट 2 से 3 गुना ही रहता हे।
4 – Star Delta Starter का संचालन करना और मेंटेनेंस करना आसान हे।
5 – Star Delta Starter में फाल्ट को ढूंढना आसान हे।
स्टार डेल्टा स्टार्टर Disadvantage – गेरलाभ
1 – Star Delta Starter में मोटर को चलाने के लिए दो पावर केबल की जरूरत पड़ती हे।
2 – Star Delta Starter में स्टार्टिंग टॉर्क DOL स्टार्टर की तुलना में कम हे।
3 – S/D Starter में तीन पावर कंटक्टर का उपयोग करना पड़ता हे। जो DOL की तुलना में मेहगा रहता हे।
4 – Star Delta Starter में पावर और कन्ट्रोल सर्किट DOL स्टार्टर की तुलना में थोड़ा जटिल रहता हे।
5 – DOL स्टार्टर की तुलना में कन्ट्रोल सर्किट जटिल होने की बजेसे फाल्ट ढूंढने में मुश्केली होती हे।
Electrical Interview Question – for Star Delta Starter in Hindi
Q1 – स्टार डेल्टा स्टार्टर (Star Delta Starter) का पावर एंड कन्ट्रोल डायग्राम ?
Ans – उपर आकृति में पावर और कन्ट्रोल डायग्राम दिखाया गया हे। उसे अच्छी तरह समज लेना चाहिए,और उसको ड्रॉइंग करने की तैयारी के साथ इंटरव्यू में जाना चाहिए।
Q2 – स्टार डेल्टा स्टार्टर में सबसे पहले कोनसा कॉन्टैक्टर Energize होता हे। क्यू ?
Ans – सबसे पहला कॉन्टैक्टर स्टार Energize होता हे। क्युकी स्टार लिंक पहले कनेक्ट हो जाये। इसके बाद main कॉन्टैक्टर से पावर सप्लाई मिल जाता हे।
Q3 – Star Delta में टाइमर कितनी सेकंड पे सेट किया जाता हे ?
Ans – मोटर की स्पीड 80% हो जाये उस वक्त मोटर स्टार से डेल्टा में चेंज होनी चाहिए। ये उपकरण की एप्लीकेशन पे आधार रखता हे।
पंप में उपयोग में होने वाले मोटर ब्लोअर के लिए यूज़ होने वाले मोटर से जल्दी स्पीड पकड़ती हे। इसीलिए पंप के स्टार्टर में टाइम कम रहेगा और ब्लोअर में ज्यादा रहेगा।
Q4 – मोटर को स्टार डेल्टा के बदले DOL में चलाएंगे तो क्या होगा ?
Ans – DOL स्टार्टर में स्टार्टिंग करंट 5 से 7 गुना हो जाता हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर का उपयोग मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करने के लिए होता हे। यदि उसको DOL में चलाएंगे तो स्टार्टिंग करंट कम नहीं होगा।
करंट की स्टार्टिंग किक ज्यादा जाने से लाइन में वोल्टेज ड्राप हो सकता हे। जिसे दूसरे उपकरण को भी असर हो सकती हे।
Q5 – 15 HP के लिए स्टार डेल्टा स्टार्टर कैसे बनाएंगे ?(यहां पे 15hp की जगह कोई भी फिगर हो सकती हे)
Ans – कोई भी स्टार्टर बनाने से पहले हमें मोटर की कैपेसिटी चेक करनी चाहिए। उसका फुल लोड करंट देख लेना चाहिए। मोटर के FLC के आधार पे ही स्विच गियर का सिलेक्शन होता हे। यहां पे 15hp की मोटर के लिए स्टार्टर बनाना हे।
15 HP की मोटर का FLC 21 Ampere रहता हे। उसका main switch 40amp, 16ka का होना चाहिए।
उसके कॉन्टैक्टर 32amp के होने चाहिए। रिले की रेंज 10 to 16 ampere की होनी चाहिए।
केबल की साइज 3C*4sq mm.cu के दो केबल कनेक्ट होंगे।
उसके बाद आकृति दिखाया हे उस तरह पावर और कन्ट्रोल वायरिंग करेंगे तो 15HP की मोटर के लिए स्टॉर्ट डेल्टा स्टार्टर तैयार हो जायेगा।
Q6 – स्टार डेल्टा स्टार्टर से कनेक्टेड मोटर रिवर्स गुमटी है तो कैसे सही करे ? s/d में डायरेक्शन चेंज कैसे करे ?
Ans- DOL स्टार्टर से कनेक्टेड मोटर रिवर्स गुमटी है तो, दो फेज इंटर चेंज करने से डायरेक्शन बदल सकते है। पर स्टार डेल्टा स्टार्टर से कनेक्टेड मोटर में दो की जगह चार फेज इंटरचेंज करने पड़ेंगे तभी डायरेक्शन चेंज होगा।
दो MAIN कॉन्टेक्टर के आउट होने वाले और दो डेल्टा के आउटपुट होने वाला फेज को बदलना पड़ेगा। यदि आप फीडर के इनकमिंग से बदल सकते हो तो दो ही फेज बदलने से डायरेक्शन बदल जायेगा।
Star Delta Starter इलेक्ट्रिकल मोटर को चलाने के लिए उपयोग होने वाले स्टार्टरो में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला स्टार्टर हे। इलेक्ट्रिकल फील्ड में इस स्टार्टर की अहमियत काफी हे।
Star Delta Starter in Hindi के इस आर्टिकल में स्टार डेल्टा स्टार्टर से रिलेटेड जानकारी देने की कोशिश की हे। फिर भी यदि कोई इससे सम्बंधित सवाल हे तो आप कमेन्ट बॉक्स में लिख सकते हो। HelpConsot में इलेक्ट्रिकल से जुडी जानकारी होती है। यदि आप इलेक्ट्रिकल से सम्बंधित जानकारी चाहते हो तो बेसिक इलेक्ट्रिकल से आपको मिल सकती है।
1 Comment
NICE CONTAINT SIR
PLEASE LOOK MY CONTAINT
http://elenick.com/index.php/2020/08/22/ac-motor-starter/