इस आर्टिकल में MCC Panel – Motor Control Center के स्पेसिफिकेशन, कॉम्पोनेन्ट, Electrical panel के maintenance एवं imcc के बारेमे विस्तृत वर्णन किया गया हे। आशा हे ये आपके लिए मदद गार होगा।
MCC PANEL – Motor Control Center
MCC ka Full Form – Motor Control Center हे। आमतौर पे इसे MCC Panel कहा जाता है। इंडस्ट्रीज में जरुरत के हिसाब से अलग-अलग मशीने होती हे। उन मशीनो को इलेक्ट्रिक मोटर चलाती हे। याने इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में रूपांतर करती हे।
इस इलेक्ट्रिकल मोटर चलाने के लिए एक पैनल तैयार किया जाता है। जिसमे मोटर की कैपेसिटी के हिसाब से फीडर बनाये जाते है।
जहासे मोटर के लिए पावर और कंट्रोल कनेक्शन किया जाता है। फीडर से मोटर का ऑपरेशन भी होता हे। और मोटर का प्रोटेक्शन भी होता हे।
Motor Control Center में पावर वोल्टेज का लेवल ज्यादातर 440 vac होता है। और कंट्रोल वोल्टेज 230 या 110 वाल्ट होते हे। PLC और DCS के साथ कनेक्ट करके इसे ऑटो मे और मैन्युअल दोनों में ऑपरेट किया जा सकता हे।
MCC Panel Specification
MCC Panel तैयार करने के लिये सबसे पहले उसके specification तैयार किया जाता है। और उसके लिए हमारे पास जरुरी डाटा होना चाहिए।
Motor Control Center panel का स्पेसिफिकेशन तैयार करने के लिये जो डाटा चाहिए उनमे….
1 -हमें MCC Panel से कितनी मोटर को ऑपरेट करना हे।
2 -मोटर की कैपेसिटी के साथ पूरा लिस्ट होना जरुरी हे।
3 -मोटर की लिस्ट के मुताबिक टोटल कितना hp लोड होगा ये कैलकुलेशन करना पड़ता है।
4 -MCC पैनल में इनकमर ब्रेकर और बसबार की कैपेसिटी टोटल लोड और Continue चलने वाले लोड पे आधार रखता हे।
5 -मोटर को ऑपरेट करने के लिए कोनसे टाइप के स्टार्टर बनाना हे ये डिसाइड करना होता हे। जैसे DOL, Star Delta, vfd etc..
6 -कोनसी कंपनी के स्विच गियर इस्तेमाल करना हे ये पहले के नक्की होना चाहिये। उससे पैनल की कोस्ट में डिफरेंट आता हे।
7 -केबल एंट्री टॉप हे या बॉटम ये mcc room की रचना पे आधार रखता हे।
8 -पेनल में इस्तेमाल होने वाली हरेक आइटम के मेक कैटलॉग नंम्बर एवं कैपेसिटी की डिटेल्स होनी चाहिए।
9 -पैनल में कितने गेज का पतरा एवं कोनसा paint लगाया जायेगा ये भी फिक्स किया जाता हे।
10 -फैक्ट्री से मिलने वाला बजेट और हमारी जरूरियात के हिसाब से कीमत कम ज्यादा कर सकते हे।
Electrical Interview Questions-Motor Starter
MCC Panel Components
Circuit Breaker
MCC Panel के incomer में एम्पेयर कैपेसिटी के हिसाब से ACB या तो MCCB का इस्तेमाल होता हे। जो Motor Control Center Panel का पावर ऑन ऑफ एवं प्रोटेक्शन के लिए लगाया जाता हे।
Bus Bar –
बसबार का सेक्शन टॉप या बॉटम में होता हे। उस सेक्शन में बसबर होता हे। बसबार की साइज एम्पेयर कैपेसिटी के हिसाब से होती हे।
आमतौर पे 0.8 square mm के बराबर 1 एम्पेयर के हिसाब से गिना जाता हे। बसबर का कनेक्शन इनकमर ब्रेकर के साथ एवं आउट गोइंग फीडर से कनेक्ट होता हे।
FD Main Switch –
हरेक फीडर की Main स्विच होती हे। इसमें sfu mccb mpcb अथवा तो mcb का इस्तेमाल होता हे। जिसे फीडर का पावर ओन ऑफ करने में उपयोग होता हे।
Contactor –
हरेक फीडर के अंदर मोटर की कैपेसिटी के आधार पे पावर कॉन्टैक्टर होते हे। जैसे के DOL Starter में एक तो Star Delta Starter में तीन पावर कॉन्टैक्टर होते हे। इसके अतिरिक्त कंट्रोल कॉन्टैक्टर का भी उपयोग किया जाता हे।
Control Transformer–
MCC Panel में कंट्रोल सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जाता हे। कंट्रोल सप्लाई की वैल्यू के आधार पे स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर का सिलेक्शन किया जाता हे। आमतौर पर कंट्रोल सप्लाई 230 वाल्ट या 110 वाल्ट होती हे।
इस कंट्रोल सप्लाई से पूरी motor control center panel कंट्रोल होता हे। पैनल में उपयोग किये गए स्विच गियर जैसे की ब्रेकर, कॉन्टैक्टर, मल्टी फक्शन मीटर, इंडिकेटर जैसे इक्विपमेंट्स को energize करने के लिए इस्तेमाल होता हे।
Over Load Relay –
रिले का इस्तेमाल मोटर की सुरक्षा के लिए किया जाता हे। उसमे अलग-अलग प्रकार की रिले होती हे। जैसे एक bi metal रिले होती हे और एक MPD मोटर प्रोटेक्शन डिवाइस होती हे।
MPD एडवांस हे इसमें ज्यादा प्रोटेक्शन होते हे। MCC Panel के हरेक फीडर में लगाया जाता हे। जिसका मुख्य काम मोटर को प्रोटेक्ट करना हे।
Timer –
स्टार डेल्टा स्टार्टर में टाइमर का उपयोग किया जाता हे। इसीलिए जितने स्टार डेल्टा स्टार्टर होंगे इसके हरेक फीडर में टाइमर होगा। इसका काम मोटर की 80% स्पीड के बाद स्टार से डेल्टा को कमांड देना होता हे।
इसके अतिरिक्त अर्थिंगबस, कंट्रोल एंड पावर वायरिंग, कंट्रोल एंड पावर टर्मिनल स्ट्रिप,ऑन ऑफ़ ट्रिप इंडिकेशन, सिलेक्टर स्विच, कंटोल फ्यूज अथवा mcb जैसे कॉम्पोनेन्ट mcc panel में होते हे।
Electrical Interview Questions-Transformer
Electrical Interview Questions-Protective Relay
What is IMCC Panel
ये एक Integrated सिस्टम हे। जो mcc पैनल हे उसकी तुलना में अच्छी कार्यक्षमता मिलती हे। ये पैनल अभी ज्यादा प्रचलित नहीं हे। पर उसकी एडवांस टेक्नोलॉजी को देख के हम ये कह सकते हे की ये भविष्य का पैनल हे।
IMCC बहुत ही बेहतरीन प्रोटेक्शन एवं कार्यप्रणाली से काम करता हे। इसमें मौजूदा स्थिति के पैरामीटर एवं history को मिलाके तक़रीबन 30 से ज्यादा पैरामीटर की जानकारी हमें मिलती हे। जो एक सिस्टम को बिना ब्रेकडाउन कार्यरत रखने के लिए काफी हे। ये ऑटो और मैन्युअल दोनों स्थिति में काम कर सकता हे।
IMCC में उपयोग होने वाले PRO-V और PRO-C simocode (मोटर मैनेजमेंट एंड कंट्रोल सिस्टम) mcc पैनल को एडवांस बनाते हे।
PRO-C कॉम्पैक्ट मोटर मेनेजमेंट सिस्टम जो डायरेक्ट ओन लाइन स्टार्टर एवं रिवर्स/फॉरवर्ड में उपयोग किया जाता हे।
PRO-V वेरिएबल मोटर मैनेजमेंट सिस्टम जो स्टार डेल्टा स्टार्टर में उपयोग किया जाता हे। इसमें pro-c के सभी फक्शन के साथ अतिरिक्त फक्शन होते हे। और हमारी जरुरत के हिसाब से हम उसमे ऐड भी कर सकते हे।
प्रिवेंटिव मैंटेनैंस किसे कहते है ?
IMCC के लाभ
1 – अंतरराष्ट्रीय स्टैण्डर्ड के हिसाब से बनाया जाता हे।
2 – पर्फोमन्स और क़्वालिटी का पूरा ध्यान रखा जाता हे।
3 – वेस्ट एनर्जी को बचता हे। एक तरह से एनर्जी सेविंग का काम करता हे।
4 – मेन पावर में कटौती कर सकते है। कम मेन पावर से प्लान चला सकते है।
Full Form of Electric Panel
Panel Short Name | Panel Full Form |
DB | Distribution Board |
LDB | Lighting Distribution Board |
PDB | Power Distribution Board |
MLDB | Main Lighting Distribution Board |
MPDB | Main Power Distribution Board |
MCC | Motor Control Center |
IMCC | Intelligent Motor Control Center |
PCC | Power Control Center |
Panel Maintenance
MCC Panel का मेंटेनेंस schedule रहता हे। आमतौर पे साल में एक बार किया जाता हे। जब प्लांट का वार्षिक शटडाउन होता हे। इलेक्ट्रिकल पैनल का मेंटेनेंस बहुत आवश्यक हे।
हर समय इलेक्ट्रिकल लोड पे रहने वाली पैनल की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए एवं ब्रेक डाउन से बचने के लिए नियमित schedule के हिसाब से मैंटेनैंस करना पड़ता हे।
MCC Panel किसी भी इंडस्ट्रीज के लिए बहुत ही महत्व की पैनल हे। कंपनी में प्रोडक्शन निकाल ने के लिए मशीने चलती हे। और इस मशीन को चलने वाली मोटर को पावर सप्लाई MCC Panel से मिलता हे। इसीलिए, पैनल का मैंटेनैंस करने से पहले प्रोडक्शन department से परमिशन लिया जाता हे।
MCC Electrical – Panel Maintenance
1 – रिलेटेड डिपार्मेंट पे परमिशन लिया जाट हे।
2 – इनकमिंग पावर सप्लाई isolate किया जाता हे।
3 – बसबार के कवर ओपन करके चैम्बर को वैक्यूम क्लीनर से क्लीन किया जाता हे।
4 – बसबार जॉइंट की टाइटनेस चेक की जाती हे एवं जरुरत पड़ने पर जॉइंट ओपन करके स्मूथ एमरी पेपर लगाया जाता हे। और CRC से क्लीन करके टाइट किया जाता हे।
5 – पैनल की पावर और कंट्रोल दोनों वायरिंग की स्थिति चेक की जाती हे। यदि इसमें ओवर हीटिंग या ब्रेक लगे तो उसे बदल दिया जाता हे।
6 – कंट्रोल और पावर वायरिंग का कनेक्शन टाइटनेस चेक की जाती हे।
7 – CT एवं PT की कंडीशन चेक करते हे। जिसमे ओवर हीटिंग एवं लूज़ कनेक्शन देखा जाता हे।
8 – MCC Panel के स्पेस हीटर कार्यरत हे की नहीं इसकी जाँच की जाती हे।
9 – पैनल के ऑपरेशन शटर एवं डस्ट एंड वर्मिन प्रूफ की स्थिति चेक की जाती हे।
10 – इंडिकेटिंग लैंप एवं मीटर की healthiness चेक की जाती हे।
11 – न्यूट्रल लिंक आइसोलेट करके बसबार का इंसुलेशन रेजिस्टेंस चेक किया जाता हे।
12 – mcc panel मेंटेनेंस के बाद बस चैम्बर,केबल चैम्बर में कुछ छूट न जाये ये चेक करके बंध किया जाता हे।