गणित की खोज किसने की थी? | Math Ki Khoj Kisne Ki Thi
गणित का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छे बुद्धिमान व्यक्ति के सिर पर पसीने की लकीरें आ जाती है। कारण गणित है ही इतना पेचिदा की हर कोई इससे दूर भागता है। लेकिन इसके बिना जीवन का हर कार्य अधूरा सा है। गणित और विज्ञान विषय किसी भी पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण सब्जेक्ट होता है, गणित के बिना विज्ञान विषय की कल्पना कर पाना असंभव है। वर्तमान समय विज्ञान जो भी ऊंचाइयों को छू रहा है, उसके पीछे गणित का ही हाथ है। या यूं कह सकते हैं विज्ञान के पीछे गणित का अहम योगदान है, गणित के बिना यह कुछ संभव नहीं है। दोस्तों क्या आप जानते है, कि गणित की खोज किसने की।(math ka avishkar kisne kiya tha), यदि आपकों इस विषय के बारे में तनिक भी ज्ञान नहीं है, और आप गणित विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस लेख के जरिए हम आपकों गणित विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस लेख के जरिए हम आपकों बताने वाले हैं कि गणित का आविष्कार किसने किया था ,(maths ka avishkar kisne kiya tha), हम आपको इस विषय से जुड़ी करीब-करीब हर एक जानकारी इस पोस्ट के जरिए साझा करेंगे। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए बेहद ही रोचक और महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
गणित की खोज किसने की थी? | math ki khoj kisne ki
अगर दोस्तों आपको इस विषय के बारे में जानकारी नहीं है कि गणित की खोज किसने की तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि मिलेटस निवासी थेल्स को दुनिया का सबसे पहला गणितज्ञ माना जाता है। यह यूनान के एक महान दार्शनिक थे तथा इनके द्वारा गणित विषय के अलग-अलग कांसेप्ट को समझाया गया था जिसके अंतर्गत उन्होंने वस्तु की ऊंचाई मापने, उसकी चौड़ाई मापने, दो वस्तुओं के बीच तुलना करना आदि सारी चीजों के बारे में सबसे पहले जानकारी दी थी।
दूसरी ओर अलग-अलग वैज्ञानिकों का गणित के विषय के पहलुओं को सुलझाने में अहम योगदान रहा था, जिसके चलते हमें यह विषय आज पढ़ने को मिला है, जिसके अंतर्गत महान खगोल शास्त्रीय आर्यभट्ट का भी नाम शामिल है, आर्यभट्ट के द्वारा गणित विषय का सबसे इंपोर्टेंट नंबर कहे जाने वाले जीरो की खोज की गई थी। जीरो की बिना आज के समय गणित विषय की तथा विज्ञान विषय की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, तो ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि आर्यभट्ट के द्वारा की गई यह खोज कितनी महत्वपूर्ण थी।
गणित विषय के कितने प्रकार होते हैं?
यदि दोस्तों बात की जाएगी गणित विषय के कितने प्रकार होते हैं- तो आपके दिमाग पर जमी धूल को हटाने के लिए बता दूं कि, गणित विषय के हमें अलग-अलग प्रकार देखने को मिलते हैं, जिसके अंतर्गत मुख्य रूप से अंकगणित, रेखा गणित, त्रिकोणमिति, संख्याकी, बीजगणित, कलन आदि का नाम शामिल है। इन सभी का अपना एक अलग अलग कांसेप्ट होता है, जिसको सैकड़ों पर ज्ञानी को के द्वारा हमें बताया गया है।
गणित के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र
तो दोस्तों हमने आपको यहां पर गणित के कुछ महत्वपूर्ण सूत्रों के बारे में बताया है:-
- (a+b)² = a²+2ab+b²
- (a-b)² = a²-2ab+b²
- (a-b)² = (a+b)²-4ab
- (a+b)² + (a-b)² = 2(a²+b²)
- (a+b)² – (a-b)² = 4ab(a+b)³ = a³+3a²b+3ab²+b³
- (a+b)² – (a-b)² = a³+b³+3ab(a+b)
- (a-b)³ = a³-3a²b+3ab²-b³
- (a-b)³ = a³+b³+3ab(a+b)
- (a+b)³ + (a-b)³ = 2(a³+3ab²)
- (a+b)³ + (a-b)³ = 2a(a²+3b²)
- (a+b)³ – (a-b)³ = 3a²b+2b³
- (a+b)³ – (a-b)³ = 2b(3a²+b²)
- a²-b² = (a-b)(a+b)
- a³+b³ = (a+b)(a²-ab+b²)
- a³-b³ = (a-b)(a²+ab+b²)
- a³-b³ = (a-b)³ + 3ab(a-b)
- (a+b+c)² = a²+b²+c²+2(ab+bc+ca)
- (a+b+c)³ = a³+b³+c³+3(a+b)(b+c)(c+a)
- a³+b³+c³ = (a+b+c)³ – 3(a+b)(b+c)(c+a)
- (a+b+c+d)² = a²+b²+c²+d²+2(ab+ac+ad+bc+bd+cd)
- a³+b³+c³-3abc = (a+b+c)(a²+b²+c²-ab-bc-ca)
- x²+y²+z²-xy-yz-zx = ½[(x-y)²+(y-z)²+(z+x)²]
- a³+b³+c³-3abc = ½(a+b+c) [(a-b)²+(b-c)²+(c-a)²]
- a²+b²+c²-ab-bc-ca = ½[(a-b)²+(b-c)²+(c-a)²]
- a(b-c)+b(c-a)+c(a-b)=0
- ab(a-b)+bc(b-c)+ca(c-a) = -(a-b)(b-c)(c-a)
- a²(b²-c²)-b²(c²-a²)+c²(a²-b²) = (a-b)(b-c)(c-a)
- a+b = (a³+b³)/(a²+ab+b²)
- a – b = (a³-b³)/(a²+ab+b²)
- a+b+c = (a³+b³+c³-3abc) / (a²+b²+c²-ab-bc-ca)
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आज आपने क्या सीखा
तो दोस्तों आज के इस रोचक पोस्ट के जरिए हमने आपकों बताया कि गणित की खोज किसने की,(math ki khoj kisne ki), हमने आपको इस पोस्ट के जरिए गणित विषय से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत गणित विषय से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि math ka khoj kisne kiya tha, गणित विषय के कितने प्रकार होते हैं, इसके अलावा हमने आपको यहां पर गणित विषय के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र भी बताए हैं।
गणित का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
गणित नैतिक मूल्यों को सत्यता, ईमानदारी, नेतृत्व, पवित्रता, धर्म, आत्मविश्वास आदि विकसित करता है। गणित व्यक्ति की मानसिक शक्तियों को विकसित करता है। गणित व्यक्ति को अनुशासन में रहना सिखाता है। गणित व्यक्ति के दैनिक और व्यावहारिक जीवन के लिए उपयोगी है।
गणित विषय की प्रकृति क्या है?
हर विषय की प्रकृति अलग-अलग होती है जिसके अनुसार उस विषय को देखा और समझा जाता है। गणित की प्रकृति में अमूर्तता, तर्कसंगतता, विशिष्टता, क्रमबद्धता, सत्यवादिता, प्रतीक आदि शामिल हैं और हम इन सभी को गतिशील अवधारणाओं के रूप में समझते हैं।
क्या गणित विज्ञान का हिस्सा है?
गणित विज्ञानों का विज्ञान है। और कला की एक कला है। परन्तु नीति विभाजन के अनुसार गणित को विज्ञान के अधीन रखा गया है।