इंडस्ट्रीज में आये दिन अकस्मात होते रहते है। सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सेफ्टी स्पीच, सेफ्टी स्लोगन एवं सेफ्टी निबंध की कॉम्पिटिशन होती है। इसे ध्यान में रखके ही यहाँ Industrial Safety Essay In Hindi की रचना की है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगी ।
Safety Essay In Hindi
Industrial Safety Essay In Hindi
औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध – Industrial Safety Essay In Hindi
बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ औद्योगीकरण भी बढ़ रहा है। इसका फायदा भी है, हमारे लोगो को काम मिल रहा है। बेरोजगारी कम हो रही है।
पर हरेक सिक्के की दो साइड होती है। कही लाभ है तो कही नुकशान। औद्योगिक एकमो में अकस्मात् बढ़ गये। अकस्मात बढ़ने के कारण लोगो की मृत्यु का अंक भी बढ़ गया। और सुरक्षा की तरफ सबका ध्यान गया।
इंडस्ट्रीज में कामदार सुरक्षित रहके काम कर सके उसकी चिंता बहुत सालो पहले की गयी थी। सन 1966 में हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने विशेष समिति का गठन किया था।
उन्होंने सुरक्षा के मापदंड त्यय किया। कर्मचारी में सुरक्षा की जागरूकता बढे ऐसे प्रयास किये। इसके भाग रूप हर साल 4th मार्च को नेशनल सेफ्टी डे मनाने की घोषणा की। जो आगे जाके ये नेशनल सेफ्टी वीक में परिवर्तित हुआ।
आज हरेक इंडस्ट्रीज में 4th मार्च से नेशनल सेफ्टी वीक का उत्सव मनाया जाता है। है। इंडस्ट्रीज में अलग-अलग कॉम्पिटिशन का आयोजन होता है। कॉम्पिटिशन में विजय कर्मचारी को प्रोत्साहन इनाम भी वितरण किया जाता है।
सेफ्टी अफसर के द्वारा सुरक्षा से जुडी ट्रेनिंग का आयोजन किया जाता है। सुरक्षा से सम्बंधित स्लोगन और पोस्टर लगाए जाते है। पुरे एक हप्ते तक कंपनी का माहौल दर्शनीय रहता है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी लोगो की सुरक्षा पे प्रति सजाग करने का है।
यदि हम सुरक्षित रहके काम कर सकते है तो, निश्चित रूप से अकस्मातो में कमी आ सकती है।
इंडस्ट्रीज में अकस्मात् के कारण
1 – सुरक्षा के साधनो का उपलब्ध ना होना।
2 – सुरक्षा के साधनो का उपयोग न करना।
3 – सुरक्षा साधनो की पूरी जानकारी न होना।
4 – काम करने की जगह पे लाइटिंग ठीक नहीं है।
5 – तापमान ठीक नहीं है। एयर में पोल्लुशण है। साउंड पोल्युशन है।
6 – मशीन पुराना है। ठीक तरह से काम नहीं करता है। मशीन के कुछ भाग लूज़ है।
7 – साफसफाई ठीक तरह से नहीं किया है।
8 – काम करने वाला व्यक्ति कोई मानसिक टेंशन में हो सकता है।
9 – काम करने वाले व्यक्ति को काम की जानकारी नहीं है।
10 – लापरवाही
इंडस्ट्रीज में अक्समात को रोकने के उपाय
1 – सुरक्षा नियमो के अनुशार सुरक्षा के सभी प्रकार के साधन कंपनी में उपलब्ध होने चाहिए। ये कारखाने के मालिक की जिम्मेदारी है।
2 – सुरक्षा साधनो को कैसे इस्तेमाल करते है सब को मालूम नहीं होता। फैक्ट्री में एक सेफ्टी अफसर होना चाहिए। और नियमित रूप से सरक्षा की ट्रेनिंग करना चाहिए।
3 – कही बार आलस और ओवर कॉन्फिडेंट में सुरक्षा साधनो ( PPE ) को किनारे कर देते है। हरेक काम के लिए त्यय किया गया सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल होना चाहिए।
4 – जिस जगह पे काम करना है, वहां पर्याप्त लाइट होनी चाहिए। कम रौशनी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
5 – काम करना है उस जगह का तापमान काम करने लायक होना चाहिए। वातावरण प्रदूषित नहीं होना चाहिए। और आवाज का भी प्रदुषण नहीं होना चाहिए।
6 – जिस मशीन पे हम काम करने वाले है वो साफ सुथरा नहीं है, तो अच्छी तरह से साफ करे। उसके स्पेयर पार्ट्स लूज़ है तो उसे सही तरीके से टाइट नेस करके काम करने के योग्य बनाये।
7 – इंडस्ट्रीज में काम करते समय हमेशा सतर्क रहे। शारारिक और मानशिक स्थिति सही हो तभी काम के लिए आगे बढे।
8 – सेफ्टी ऑफिस द्वारा दिए गए सुरक्षा नियमो का हमेशा पालन करे।
7 – House Keeping is Must Require
– जिस जगह पे काम करना है वो साफ सुथरा होना चाहिए। फर्स पे आयल ग्रीस जैसी जीचों से अकस्मात् की संभावना बढ़ जाती है।
8 – मानव सांसारिक आदमी है। संसार का घर का या कोई भी बहार का तनाव रहता है। उनका मन काम में नहीं लगता। ऐसी स्थिति में अकस्मात् की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसी परिस्थिति में काम नहीं करना चाहिए। और नाही काम कराना चाहिए।
9 – इंडस्ट्रीज में बहुत सारे डिपार्टमेंट होते है। सबका काम अलग-अलग होता है। कही बार हम ऐसे कर्मचारी को काम पे लगा देते है। जिसे काम की जानकारी नहीं है।
कर्मचारी भी दबाव में होने के कारण अपने ऊपरी अधिकारी को ये नहीं बताते है। अंत में अकस्मात् में उसका परिणाम सबको भुगतना पड़ता है।
10- लापरवाह को बचाने वाला कोई नहीं मिलता। क्युकी वो परिस्थिति खुद की बनाई होती है ।
लापरवाही का उत्तम नमूना
Industrial Safety Essay In Hindi
इंडस्ट्रीज में सुरक्षा क्यू जरुरी है।
इंडस्ट्रीज में काम करने वाले कर्मचारी की सुरक्षा बहुत जरुरी है। इतना ही नहीं उनके परिवार की जिम्मेदार भी जरुरी है। क्युकी इंडस्ट्रीज का काम जोखिमों से भरा है।
स्टील प्लांट हो, केमिकल प्लांट हो या फार्मा प्लांट हो, काम करने वाले का जोखिम बना ही रहता है। केमिकल प्लांट में रिएक्टरो में केमिकल का रिएक्शन होता है।
ऑपरेशन करने वाला ऑपरेटर समजो एक बम के नजदीक ही ऑपरेशन करता है। आये दिन हम वेसल और रिएक्टर के ब्लास्ट के समाचार सुनते रहते है।
ठीक वैसा ही स्टील प्लांट में है। स्टील प्लांट में बड़ी भाड़ी – भडखम मशीनरी होती है। अकस्मात् किसी भी कारण से होता है तो भयानक स्थिति बन जाती है।
केमिकल इंडस्ट्रीज में रिएक्शन के दौरान तापमान और प्रेशर जैसे पैरामीटर कम ज्यादा होता है। ऐसे में गैस का रिसाव भी संभव है। गैस रिसाव बहुत बड़े अकस्मात को निमंत्रण दे सकता है। जैसे भोपाल गैस ट्रेजडी में हुआ था।
कोई भी इंडस्ट्रियल एरिया के पास बस्ती नहीं होनी चाहिए। गाँव शहर से दूर इंडस्ट्रियल एरिया होना चाहिए। यदि कोई अक्समात होता है तो कम से कम नुकशान हो सके।
केमिकल इंडस्ट्रीज में निकल ने वाला कचरा पर्यावरण के लिए घातक है। पर्यावरण को प्रदूषित करता है। जिसे बहार के लोगो की भी सुरक्षा खतरे में आ जाती है।
कोई भी इंडस्ट्रीज को सरकारी निति नियमो का पालन करना चाहिए।
इंडस्ट्रीज सुरक्षा में सरकार की निति
भारत सरकार Industrial Safety के मामले में बहुत सजाग है। इंडस्ट्रीज में काम करने वाले व्यक्ति सुरक्षित रहे इसलिए, सरकार ने बहुत सारे नियम बनाये है। यह नियनो के अधीन कंपनी और कर्मचारी को काम करना चाहिए। पर कही बार हम इस नियमो को साइड कर काम में लग जाते है। और ऐसी लापरवाही अकस्मात् को निमंत्रित करती है।
निचे दिए गए टेबल में कुछ इंडस्ट्रियल अधिनियम है। जिसे भारत सरकार ने बनाया है। समयांतर में इस नियमो में भी फेरफार करके इसे अपग्रेड किया जाता है।
इंडियन इंडस्ट्रियल सेफ्टी एक्ट | 1923 |
इंडियन बायलर एक्ट | 1948 |
इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट | 1884,1910 |
इंडियन पेट्रोलियम एक्ट | 1934 |
इंडस्ट्रीज में केमिकल, पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग प्लांट में बड़े अकस्मात् होने की सम्भावन होती है। जहा केमिकल से उसके तापमान, प्रेशर जैसे पैरामीटर बदलते है। इसको कण्ट्रोल करने में किसी कारन वश असफल होते है तो, बड़ी दुर्घटना होती है। इसे देखते हुए सरकार बहुत स्ट्रिक्ट रहती है।
बॉयलर इंस्पेक्शन, इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्शन, उपकरण के इंस्पेक्शन जैसी जाँच हर साल फैक्ट्री में होती है। और अकस्मात् रोकने का हर संभव प्रयाश किया जाता है।
इंडस्ट्रीज में अकस्मात् से होने वाला नुकशान
दुर्घटना किसी के लिए फायदेमंद नहीं होती। अकस्मात हमेशा ख़राब समाचार ले के आता है। अक्समात कर्मचारी, मालिक फैक्ट्री और फैक्ट्री काम करने वाले सह कर्चारी के लिए भी नुकशान करक होता है। एक दुर्घटना की असर सब पे होती है।
- दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को हॉस्पिटल ले जाना, चिकित्सालय का खर्चा।
- अकस्मात के कारन काम रुक जाता है। काम में देरी होती है।
- कंपनी की रेपुटेशन ख़राब होती है। इसकी असर सीलिंग तक होती है।
- दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति और परिवार के भविष्य का खतरा।
- दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति की जागर दूसरी व्यक्ति को भरना।
- उपकरण और मशीन को नुकशान, रिपेयरिंग खर्च ।
- रिकवरी के बाद काम पर लौटने वाले कामदार का आउटपुट कम हो जाता है।
- दुर्घटना की जाँच रिपोर्ट तैयार करना।
Electrical Safety In Hindi – बिजली से सुरक्षा
What is 5s In Hindi – 5s सिस्टम क्या है ?
फायर क्या है ? फायर के प्रकार ।
निष्कर्ष
दोस्तों जिंदगी अनमोल है। हमारे लिए नहीं तो हमारे अपनों के लिए इसे महफूज रखे। कही पे भी काम करे सुरक्षा के नियनो को बाईपास करने की कोशिश न करे। एक क्षण की लापरवाही हमें पूरी जिंदगी परेशान कर सकती है। लिहाजा अपना ध्यान रखे और अपनों का भी ध्यान रखे।
जो सुरक्षा से नाता तोड़ेगा
वो जल्दी दुनिया छोड़ेगा।