What is DOL Starter
DOL Starter In Hindi( Direct on line Starter) स्टार्टर जो स्टार्ट करता हे,जो चलाता हे। यहां पे 3 फेज इंडक्शन मोटर को सुरक्षा पूर्वक स्टार्ट करने के लिए,चलाने के लिए इलेक्ट्रिकल स्विच गियर के साथ पावर और कंट्रोल वायरिंग से जो एक उपकरण तैयार किया जाता हे उसे डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर कहते हे।
इस प्रकार के स्टार्टर इलेक्ट्रिकल स्विच गियर बनाने वाली कम्पनिया(Siemens, L&T, ABB)सप्लाई करती हे।
Direct on Line Starter इलेक्ट्रिक पैनल बनाने वाले पैनल बिल्डर भी बनाते हे। और हम खुद भी मटेरियल ले के बना सकते हे। इस प्रकार के स्टार्टर में जो सप्लाई वोल्टेज हे, वो ही वोल्टेज सीधे मोटर को दिया जाता हे। इसीलिए इसे डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर कहते हे। कण्ट्रोल सप्लाई के रूप में Contactor coil में Single Supply दिया जाता है।
DOL Starter क्यू कहते हे ?
मोटर को सलामती पूर्वक चलाने के लिए और भी कही टाइप के स्टार्टर का उपयोग किया जाता हे। जैसे की स्टार डेल्टा स्टार्टर। ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर। सॉफ्ट स्टार्टर।
हरएक स्टार्टर का मोटर स्टार्ट करने की,चलाने की पद्धति के अनुशार उसका नाम रहता हे। यहां पे डायरेक्ट सप्लाई मोटर को मिलता हे इसी लिए इसे डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर कहते हे।
DOL Starter से 3 फेज इंडक्शन मोटर को जब स्टार्ट किया जाता हे। तब उसका स्टार्टिंग टॉर्क हाई होने से मोटर अपने फुल लोड करंट से तक़रीबन 5 से 7 गुना ज्यादा करंट लेती हे।
example – 3 Phase 5 HP की मोटर का फुल लोड करंट 7.5 Amp हे। उसे डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर पे स्टार्ट किया जाता हे। तो उसका स्टार्टिंग करंट 35 से 50 Amp. तक जा सकता है।
Why DOL Starter use in small motor
DOL Motor Starter में मोटर को स्टार्ट करने से जो हाई एम्पेयर की किक जाती हे, उससे लाइन वोल्टेज डिस्टर्ब होते हे।
जिसे इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाले दूसरे उपकरण को नुकशान हो सकता हे। इसीलिए DOL Starter का उपयोग छोटी कैपेसिटी की मोटरों में किया जाता हे।
बड़ी कैपेसिटी की मोटरो के लिए स्टार डेल्टा स्टार्टर, सॉफ्ट स्टार्टर या vfd (Variable Frequency Drive) का उपयोग किया जाता हे।
3 Phase DOL Starter Diagram
DOL Starter in Hindi के इस आर्टिकल में निचे दी गयी आकृति 1.1 में हम देखा सकते हे। पावर सर्किट में L1(R) L2(Y) L3(B) वो इनकमिंग पावर सप्लाई हे। इसके बाद Main Switch, Power Contactor, Thermal over load Relay और फिर मोटर को सप्लाई मिलता हे।
आमतोर पे थ्री फेज मोटर को चलाने के लिए थ्री फेज पावर सप्लाई 433 Volt AC और कंट्रोल सप्लाई के रूप में 110 या 230VAC रहता हे।
3 Phase DOL Starter power circuit –Parts and Function
Main Switch :-
इनकमिंग पावर सप्लाई ON-OFF के लिए DOL स्टार्टर में एक मेईन स्विच रहता हे। MCB,MCCB,MPCB या SFU (स्विच फ्यूज यूनिट) हो सकता हे।
कितनी कैपेसिटी की मोटर हे? हमें मोटर में कोनसे प्रोटेक्शन चाहिए ? और हमारा बजट क्या हे ? इसके आधार पे सिलेक्शन किया जाता हे। मेईन स्विच के आउट गोइंग से पावर सप्लाई पावर कॉन्टेक्टर के इनकमिंग साइड में कनेक्ट होता हे।
Contactor :-
पावर सर्किट मेईन स्विच के बाद पावर कॉन्टैक्टर का उपयोग होता हे। पावर सप्लाई मेईन स्विच के बाद कॉन्टैक्टर के इनकमिंग में कनेक्ट किया जाता हे। और आउट पूत से ओवर लोड रिले के इनकमिंग में जाता हे।
यहाँ कॉन्टैक्टर को ऑपरेट करने के लिए auxiliary सप्लाई की जरुरत पड़ती हे। जो कंट्रोल सप्लाई के रूप में 110 या 230 VAC रहता हे। पावर कॉन्टैक्टर के साथ auxiliary कांटेक्ट’ NO NC’ भी रहता हे। जिसे ON OFF ट्रिप इंडिकेशन एवम इंटरलॉकिंग के लिए उपयोग किया जाता हे।
Over load Relay :-
Relay एक प्रोटेक्शन उपकरण हे। जो मोटर को सुरक्षा देने का काम करता हे। रिले में दो अलग अलग धातु की स्ट्रिप होती हे। जो लोड के साथ टेम्प्रेचर बढ़ने से expansion और संकोचन होता हे।
रिले मे मोटर के रेटिंग के हिसाब से एम्पेयर का सेटिंग कर सकते हे। उससे यदि ज्यादा प्रवाह पसार होता हे। तो रिले पावर सर्किट को मोटर से अलग कर देगी जिसे मोटर में होने वाले नुकसान को बचाया जा सकता हे।
3 Phase Motor :-
रिले के बाद पावर सप्लाई सीधा मोटर के टर्मिनल से कनेक्ट होता हे। जहा मोटर वाइंडिंग के टर्मिनल रहता हे। यह पावर मिलते ही मोटर का घूमना शरु हो जाता हे।
मोटर के साथ लोड के रूप में जो भी कनेक्ट हो जैसे पंप,फैन,ब्लोअर इसका यदि डायरेक्शन गलत हे। तो किसी भी दो फेज हो इंटर चेंज करने से डायरेक्शन बदल सकती हे। और आउट पूत ले सकते हे।
DOL Starter Circuit Diagram
आकृति में Dol Starter का कंट्रोल डायाग्राम देख सकते हे। जहासे पुरे मोटर और स्टार्टर का कंट्रोलिंग होता हे। कंट्रोल सप्लाई का इनकमिंग फेज वायर पावर सर्किट से लिया जाता हे।जिसपे पूरा कंट्रोलिंग आधार रखता हे। और Neutral वायर कंटैक्टर और इंडिकेशन को डायरेक्ट मिल जाता हे।
कॉन्टैक्टर का Auxiliary कांटेक्ट ‘NO NC’ का उपयोग इंडिकेशन और ऑन ऑफ के लिए किया जाता हे। रिले का NC कॉन्टैक्ट ट्रिपिंग के लिए उपयोग किया जाता हे।
DOL Starter Control Diagram
3 Phase DOL Starter control circuit- parts and function
Emergency Stop Push Button :-
Emergency P.B इंडस्ट्रीज में ये पुश बटन प्लांट में इक्विपमेंट के नजदीक लगता हे। और इलेक्ट्रिक पैनल पे भी रहता हे। ये पुश बटन कंट्रोल सप्लाई की सीरीज में रहता हे।
जब भी हम मोटर को बंध करना चाहे तो उस पुश बटन को प्रेस करने से कण्ट्रोल सप्लाई ब्रेक हो जाती हे। और मोटर को पावर मिलना बंध हो जाता हे जिसे मोटर बंध हो जाती हे।
इसे Emergency स्टॉप इसीलिए कहते हे की यदि उपकरण में कोई समस्या दिखाई दे तो कोई भी व्यक्ति इसे प्रेस करके उपकरण को बंध कर सकता हे।
Start Push Button -:
आमतोर पे ग्रीन कलर का रहता हे। जो स्टार्टर की फ्रंट साइड में रहता हे। और इंडस्ट्रीज में उपकरण के पास स्टॉप P.B के साथ रहता हे। जहा से मोटर को स्टार्ट कर सकते हे।
Control Supply MCB :-
ये MCB स्टार्टर में कंट्रोल पावर सप्लाई का main स्त्रोत्र हे। जहा से पुरे स्टार्टर का कंट्रोल ओप्रशन के लिए पावर मिलता हे। इसे ज्यादा तर इनकमिंग पावर सप्लाई के ‘R’ फेज से लिया जाता हे।
Relay NC Contact :-
कंट्रोल सर्किट में mcb के बाद ओवर लोड रिले का NC कॉन्टैक्ट रहता हे। जो मोटर के ओवर लोड के समय में NO हो जाता हे। और पावर सर्किट के सप्लाई को बंध कर देता हे।
ON Indication :-
इस इंडिकेशन लैंप का कलर रेड रहता हे। जब मोटर कार्यरत होती हे,तब ये इंडिकेशन ON होता हे।
OFF Indication :-
इस इंडिकेशन का कलर ग्रीन रहता हे। जब मोटर बंध कंडीशन में होती हे,तब ये इंडीकेट करता हे।
Trip Indication :-
इस इंडिकेशन का कलर येलो रहता हे। जब मोटर किसी फाल्ट के कारण ट्रिप होता हे, तब ये इंडिकेशन हमें ट्रिप की स्थिति दिखाता हे।
DOL Starter working
हमने पावर और कंट्रोल सर्किट के बारे में देखा अब हम DOL Starter कैसे काम करता हे ? कैसे ऑपरेट होता हे ? और कैसे मोटर को सुरक्षा देता हे ? उसको गहराई से समझेंगे।
1 – मोटर चालू करने के लिए जैसे स्टार्ट पुश बटन प्रेस करते हे। पुश बटन का ‘NO’ कांटेक्ट ‘NC’ होता हे। जहा से कंट्रोल सप्लाई पावर कॉन्टैक्टर कि कोइल को मिलता हे। और वो Energize होता।
2 – पावर कॉन्टैक्टर पिक अप होते ही ओवर लोड रिले से होके मोटर को पावर सप्लाई मिल जाता हे। साथ ही साथ पावर कॉन्टैक्टर का Auxiliary कॉन्टैक्ट चेंज हो जाता हे।
3 – स्टार्ट पुश बटन के पेरेलल में Auxiliary कांटेक्ट का ‘NO’ रहता हे। जो कॉन्टैक्टर पिक अप होने के बाद ‘NC’हो जाता हे। और वहा से ही कॉन्टैक्टर को कंट्रोल सप्लाई मिलता हे। इसीलिए स्टार्ट पुश बटन को छोड़ने के बाद भी मोटर चालू रहता हे।
4 – जैसे ही मोटर चालू होता हे। R, Y, B तीनो फेज में एम्पेयर दिखायेगा। यदि मोटर के साथ लोड कनेक्ट हे तो लोड एम्पेयर कहते हे। और Decouple हे तो नो लोड एम्पेयर कहते हे।
5 – तीन इंडिकेटिंग लैंप रहते हे। जिसमे एक ट्रिप,एक ऑफ और एक ऑन के लिए उपयोग किया जाता हे। इंडिकेटिंग लैंप से हमें मोटर की मौजूदा परिस्थिति का पता चलता हे।
How to make DOL Starter Circuit
3 Phase DOL Starter in Hindi बनाने के लिए सबसे ज्यादा महत्व का पॉइंट हे मोटर की कैपेसिटी। मोटर की कैपेसिटी के आधार पे ही हम परफेक्ट Electrical DOL Starter तैयार कर सकते हे।
उदहारण के तोर पे हम 5Hp की मोटर का DOL स्टार्टर तैयार करेते हे। तो उसके फुल लोड एम्पेयर के हिसाब से इलेक्ट्रिकल पावर स्विच गियर का सिलेक्शन करना पड़ता हे।
Main Switch :-
3 Phase 5 HP की मोटर का FLC करीब 7.5 एम्पेयर रहता हे। मोटर की स्टार्टिंग किक को ध्यान में रखके यहां हम 20 Ampere और 10KA का स्विच खरीद सकते हे।
Contactor :-
पावर कंटक्टर का सिलेक्शन भी DOL में हायर रहता हे। यहाँ पे हम 16 Ampere का कंटक्टर को select कर सकते हे।
Over load Relay Selection :-
DOL स्टार्टर में रिले का सिलेक्शन सही होना बहुत जरुरी हे। क्युकी मोटर की सुरक्षा रिले ही करता हे। यहां मोटर का लोड 7.6 Ampere हे तो हम 6-10 एम्पेयर की रेंज का रिले खरीद सकते हे। और 7 Ampere पे सेट कर सकते हे। रिले का सेटिंग हमेशा 90% पे रखना चाहिए।
Electrical Interview Questions- Motor Starter
Power Cable :-
अल्लुमिनियम और कॉपर दोनों धातु के केबल उपलब्ध रहता हे। कॉपर कीमत में मेंहगा हे। पर छोटी मोटर में ज्यादातर कॉपर का ही इस्तेमाल होता हे। दोनों की करंट काररिंग कैपेसिटी अलग अलग हे। अल्लुमिनियम केबल में per sq.mm 1.5 Ampere और कॉपर केबल में per sq.mm. 2.5 Ampere करंट पसार कर सकते हे।
यहां मोटर का एम्पेयर 7.5 हे। तो पावर केबल 3C*4 sq.mm copper परफेक्ट हे। जो 10 Ampere तक करंट काररिंग कैपेसिटी रखता हे। जो मोटर की कैपेसिटी से थोड़ा ज्यादा हे।
Control Cable :-
कंट्रोल सर्किट में ज्यादा लोड नहीं रहता। मोटर चाहे कितनी भी कैपेसिटी की हो कंट्रोल सर्किट में उसका कोई फर्क नहीं पड़ता। आमतौर पे सभी मोटर की कंट्रोल केबल 1.5sq mm की रहती हे।
Control MCB :-
कंट्रोल सप्लाई के ON,OFF के लिए जो स्विच रहता हे। वो 2 ampere का होता हे। इसके साथ इंडिकेटिंग लैम्प और स्टार्ट स्टॉप पुश बटन रहता हे।
इस तरह मोटर की कैपेसिटी के मुताबिक पावर स्विच गियर सेलेसकशन कर सकते हे। और ऊपर आकृति (1.1,1.2,1.3) में बताये गए पावर और कंट्रोल डायग्राम की तरह वायरिंग करके हम DOL Starter तैयार कर सकते हे।
L&T DOL Starter:-
इलेक्ट्रिकल स्विच गियर में L&T एक प्रतिष्ठित कंपनी हे। जो अलग अलग कैपेसिटी के अनुशार DOL स्टार्टर बनाती हे। L&T के ज्यादा तर स्टार्टर फारमर्स टूबवेल से पानी खेत में पोहचने के लिए उपयोग करते हे। कीमत के मामले में Siemens और Schneider से सस्ता पड़ता हे।
Siemens DOL Starter:-
इलेक्ट्रिकल स्विच गियर में सीमेन्स की तुलना किसी दूरसे मेक से करना इतना ठीक नहीं हे। सीमेन्स को हम A1 कह सकते हे। इसके भी अलग-अलग कैपेसिटी के स्टार्टर उपलब्ध हे। हमारी जरुरियात के हिसाब से खरीद सकते हे। इसका चलन छोटी इंडस्ट्रीज में ज्यादा हे। दूसरी कोम्पनिओ की तुलना में थोड़ा मेहगा रहता हे।
DOL स्टार्टर के लाभ :-
1 – पावर और कण्ट्रोल सर्किट के को समज ना बहुत आसान हे।
2 – कीमत में दूसरे स्टार्टर से किफायती हे, सस्ता हे।
3 – यदि कोई फाल्ट होता हे तो आसानी से सोल्वे किया जा सकता हे।
4 – डायरेक्ट वोल्टेज मिलने से 100 % टॉर्क के साथ चालू होता हे।
5 – DOL स्टार्टर में पावर केबल एक ही लगता हे। दूसरे केबल की जरुरत नहीं हे।
DOL स्टार्टर के गेरलाभ:-
1 – सिर्फ छोटी कैपेसिटी की मोटर में यूज किया जाता हे।
2 – पुरे वोल्टेज मोटर को मिलने से स्टार्टिंग टॉर्क कम नहीं किया जा सकता।
3 – मोटर के साथ डायरेक्ट कनेक्ट होने से स्टार्टिंग करंट 5 से 7 गुना हो जाता हे।
4 – स्टार्टिंग कीक ज्यादा होने से लाइन में वोल्टेज ड्रोप हो सकते हे जिसे दूसरे
उपकरण पर भी प्रभाव पड़ता हे।
5 – स्टार्टिंग किक ज्यादा होने से इनकमिंग स्विच की KA कैपेसिटी नार्मल स्विच से
ज्यादा रखनी पड़ती हे।
MCC Panel -Motor Control Center
Electrical Basic – इलेक्ट्रिकल की पूरी जानकारी
Selection Chart oF DOL Starter – डायरेक्ट ओन लाइन स्टार्टर का सिलेक्शन चार्ट
इलेक्ट्रिक फील्ड से जुड़े हुए व्यक्ति के लिए ये जानना बहुत आवश्यक है। इलेक्ट्रिक में मोटर को चलाने के लिए स्टार्टर की जरुरत होती है। Direct on Line स्टार्टर आमतौर पर छोटी मोटर में इस्तेमाल होता है। यहाँ 0.5 hp से लेकर 50 hp तक ki मोटर का सिलेक्शन चार्ट दिया है।
कितने हप की मोटर में किनते का केबल लगेगा, कंटक्टर की साइज क्या होगी, रिले कितनी साइज का होगा सभी सवालों का जवाब आपको निचे दिए गए चार्ट से मालूम हो जायेगा।
HP | KW | Ampere | SFU | Contactor | Relay | Power Cable |
0.5 | 0.37 | 1.2 | 32A | 9A | 0.9 to 1.5 | 3c-1.5 Sq.mm Cu |
0.75 | 0.5 | 2.1 | 32A | 9A | 1.8 to 2.5 | 3c-1.5 Sq.mm Cu |
1 | 0.75 | 1.7 | 32A | 9A | 1.5 to 2.2 | 3c-1.5 Sq.mm Cu |
1.5 | 1.1 | 2.5 | 32A | 9A | 2 to 3.2 | 3c-1.5 Sq.mm Cu |
2.0 | 1.5 | 3.0 | 32A | 9A | 3 to 4.5 | 3c-2.5 Sq.mm Cu |
3 | 2.2 | 3.7 | 32A | 9A | 3 to 4.5 | 3c-2.5 Sq.mm Cu |
5 | 3.7 | 7.5 | 32A | 12A | 6 to 8 | 3c-4 Sq.mm Cu |
7.5 | 5.5 | 10.8 | 32A | 12A | 9 to 12.5 | 3c-4 Sq.mm Cu |
10 | 7.5 | 13.9 | 63A | 18A | 12 to 16 | 3c-4 Sq.mm Cu |
12.5 | 9.3 | 16.8 | 63A | 25A | 14 to 20 | 3c-6 Sq.mm Cu |
15 | 11 | 20.8 | 63A | 32A | 18 to 24 | 3c-6 Sq.mm Cu |
20 | 15 | 27 | 63A | 32A | 23 to 30 | 3c-10 Sq.mm Cu |
25 | 18.5 | 33 | 125A | 50A | 30 to 50 | 3c-10 Sq.mm Cu |
30 | 22 | 40 | 125A | 65A | 30 to 50 | 3c-16 Sq.mm Cu |
40 | 30 | 49 | 100A | 65A | 45 to 75 | 3c-25 Sq.mm Cu |
50 | 37 | 61 | 160A | 80A | 45 to 75 | 3c-25 Sq.mm Cu |
DOL Starter in Hindi के इस आर्टिकल में Direct On Line Starter से जुडी जानकारी आपके लिए हेल्पफुल होगी। जिसमे DOL Starter Power Diagram, DOL Starter Control Diagram, विस्तार से बताया है। फिर भी DOL Starter से जुड़ा कोई सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।
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