मेरा ब्लॉग पढ़ने वाला एक व्यक्ति की मांग थी की में बैटरी के बारेमे आर्टिकल लिखु। Battery In Hindi के इस आर्टिकल में बैटरी सम्बंधित पूरी जानकारी साजा करने की कोशिश की है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगा।
Battery In Hindi
What is Battery ?
Battery में रासायनिक प्रक्रिया के तहत केमिकल एनर्जी इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट होती है। जहासे हम पावर ले सकते है,उसे सेल कहते है। हमें कितना पावर चाहिए उसके आधार पे कही सेल को सीरीज या पेरेलल में कनेक्ट किया जाता है। उसे हम बैटरी कहते है। जहासे हमें D.C सप्लाई मिलती है।
बैटरी में सबसे अहम् बात ये हे की हम विध्युत को स्टोर कर सकते है। और हमारी आवश्यकता के अनुसार इसका इस्तेमाल कर सकते है।
Use Of Battery- बैटरी का उपयोग
बढ़ती टेक्नोलॉजी की जरुरियात के मुताबिक बैटरी का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में हो रहा है। जैसे की मोबाइल फ़ोन और पॉवरबैंक। घड़ियाल,केमेरा और खिलोनो में। बस,कार,मोटर साइकिल के स्टार्टर में सप्लाई के लिए उपयोग होता है।
जनेटर को स्टार्ट करने के लिए और बैटरी ऑपरेटेड फोर्कलिफ्ट में उपयोग होता है। घरोमे पावर बैकअप के तोर पे इन्वेर्टर में इस्तेमाल होती है।
बैटरी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है इंडस्ट्रीज में,कंपनी में। कोई भी फैक्टरी में ऐसे उपकरण होते है,जो पावर फ़ैल होने के बाद तुरंत बैकअप चाहिए।
उदहारण के तोर पे, ….. पर्सोनल कंप्यूटर (PC) पावर फ़ैल होने के बाद इसे बैटरी बैकअप से पावर नहीं मिलता तो डाटा चला जाने की संभावना होती है। इस प्रकार की आवश्यकता को बैटरी ही पूर्ण कर सकती है।
सब स्टेशन में ब्रेकर के कण्ट्रोल सप्लाई के लिए बैटरी बैंक और चार्जर का उपयोग होता है।
बैटरी के सेल अलग-अलग साइज में मिलते है। ये उपकरण की जरुरियात पे आधार रखता है। घडियार में इस्तेमाल होने वाला सेल की साइज़ बहुत छोटी होती है। वही टोर्च,रिमोट एवं खिलोनो में उपयोग होने वाले सेल की साइज़ अलग होती है।
किसी भी सेल के दो छेड़े होते है। एक तरफ पॉजिटिव टर्मिनल होता है, जहा पॉजिटिव चार्ज रहता है। और दूसरी तरफ नेगेटिव टर्मिनल होता है,जहा नेगेटिव चार्ज होता है।
रासायनिक भाषा में पॉजिटिव टर्मिनल को एनोड और नेगेटिव टर्मिनल को केथोड कहा जाता है।
हर एक सेल में वोल्टेज की वैल्यू 1.5 से 2 वाल्ट होती है। सेल से बैटरी में कन्वर्ट करने के लिए सेल को सीरीज़ में कनेक्ट किया जाता है।
ज्यादातर बैटरी 12 वाल्ट की और 24 वाल्ट की रहती है। 12 वाल्ट की बैटरी में 6 सेल कनेक्ट रहते है और 24 वाल्ट की बैटरी में 12 सेल कनेक्ट होते है।
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Types of Battery – बैटरी के प्रकार
बैटरी के मुख्य दो प्रकार होते है।
प्राइमरी बैटरी और सेकेंडरी बैटरी, ये दोनों प्रकार के अंदर दूसरे प्रकार होते है। जिसे निचे के कोस्टक में दर्शाया गया है।
Primary Battery | Secondary Battery |
Alkaline & Carbon Battery | Lead Acid Battery |
Mercury Battery | Nickel-Cadmium Battery (Ni -Cd) |
Lithium Battery | Lithium – ion Battery (Li-ion) |
Zinc Air Battery | Nickle Metal Hydride |
Sivler Oxide Battery |
1 – Primary Battery – नॉन-रिचार्जेबल
इस प्रकार की बैटरी का एक ही बार इस्तेमाल किया जाता है। जिसे सेल कहते है, उसमे जो विध्युत एनर्जी संग्रहित हे तब तक उपकरण ऑपरेट होगा।
सेल डिस्चार्ज होने के बाद उसे रिचार्ज नहीं कर सकते। उस सेल को बदल ना पड़ता है। याने एक प्रकार से कह सकते है, ये यूज़ एंड थ्रो वाला सेल है।
इस प्रकार के सेल का उपयोग एयर कंडीशनर,टीवी के रिमोट में,टोर्च में,घडियार और खिलोनो में किया जाता है।
प्राइमरी बैटरी में अल्कलाइन बैटरी बहुत फेमस है। उसकी कार्यक्षमता बहुत अच्छी है और वातावरण के हिसाब से भी ठीक है। इसकी किम्मत भी ज्यादा नहीं होती और जब डिस्चार्ज हो जाती है,तब किसी भी प्रकार से लीकेज भी नहीं होती।
आमतौर पे सेल के डिस्चार्ज होने बाद लीकेज की समस्या ज्यादा होती है।
इस प्रकार के सेल की आयु भी लम्बी है। काफी सालो तक आउटपुट मिलता है। सुरक्षा के हिसाब से भी ये अच्छा है।
इस प्रकार की बैटरी का मुख्य गेरलाभ ये है की कम लोड के लिए इस्तेमाल होती है। ज्यादा लोड के लिए इसका इस्तेमाल हितावह नहीं है।
Types Of Primary Battery – नॉन-रिचार्जेबल बैटरी के प्रकार
1 – Alkaline & Carbon Battery
2 – Mercury Battery
3 – Lithium Battery
4 – Zinc Air Battery
5 – Sivler Oxide Battery
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2 – Secondary Battery – रिचार्जेबल बैटरी
इस प्रकार की बैटरी का इस्तेमाल हम दुबारा कर सकते है। इस प्रकार की बैटरी में डिस्चार्ज होने के लिए जो रासायनिक प्रक्रिया होती है, उससे उलटी प्रक्रिया चार्ज होने में होती है।
इसीलिए डिस्चाज हो ने बाद इसे फिरसे चार्ज करके उपयोग किया जा सकता है। ये यूज़ एंड थ्रो नहीं है। इसकी आयु तक हम रिचार्ज करके इस्तेमाल कर सकते है।
रिचार्जेबल बैटरी अलग-अलग साइज में उपलब्ध है। इस प्रकार की बैटरी में शरुआती कीमत ज्यादा होती है। पर उसकी लाइफ और उपयोग को देखा जाये तो ये बेहतर साबित होती है।
इस प्रकार की बैटरी को चार्ज करने के लिए चार्जर का इस्तेमाल होता है। अचल वोल्टेज या फिर करंट का सेटिंग करके चार्जिंग किया जा सकता है।
Types Of Secondary Battery – रिचार्जेबल बैटरी के प्रकार
1 -Lead Acid Battery
2 -Nickel-Cadmium Battery (Ni -Cd)
3 -Lithium – ion Battery (Li-ion)
4 -Nickle Metal Hydride
Lead Acid Battery in Hindi
लेड एसिड बैटरी इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है। इसके बाद निकल केडमियम का यूज़ होता है। लेद एसिड बैटरी कीमत में सस्ती होती है। काम करने की क्षमता भी अच्छी है।
इसका उपयोग ऑटो मोबाइल इंडस्ट्रीज में कार,बाइक,ट्रक और बस जैसे वाहनों में उपयोग होता है।
जनरेटर में स्टार्टर को स्टार्टिंग पावर के लिए, बैटरी से चलने वाली फोर्कलिफ्ट में,और प्लांट में क्रिटिकल उपकरण को इमर्जेन्सी में पावर देने के लिए ups में भी इस्तेमाल होता है।
भारत सरकार बढ़ते पेट्रोलियम के भाव को देखते हुए बैटरी कार को बढ़ावा दे रही है। जो पेट्रोल और डीजल की जगह बैटरी से चलेगी। जिसकी शरुआत हो चुकी है। आने वाले कुछ सालो में ये इसे हमारे रोड पे दौड़ती देख सकेंगे।
लेड एसिड बैटरी के भाग
1 – कन्टेनर
2 – इलेक्ट्रोलाइट
3 – पॉजिटिव,नेगेटिव प्लेट्स
4 – इंटर सेल कनेक्टर
5 – लेवल इंडिकेटर
6 – वेंट प्लग
7 – सेपरेटर
8 – सेल कवर
9 – टर्मिनल
कॉन्टेनर –
कॉन्टेनर हार्ड रबर से तैयार किया गया एक बॉक्स होता है। जिसमे इलेक्ट्रोलाइट,सेपरेटर पॉजिटिव और नेगेटिव प्लेट होती है। ज्यादातर एक बैटरी के कन्टेनर में 6 सेल होता है।
इलेक्ट्रोलाइट-
इलेक्ट्रिलाइट के रासायनिक प्रक्रिया से विध्युत एनर्जी चार्ज होती है,और स्टोरेज भी होती है। लेड एसिड बैटरी में मंद सल्फुरिक एसिड (H2SO4)का द्रावण होता है। और मिनरल वाटर के साथ रासायनिक प्रक्रिया होती है।
प्लेट्स –
इसमें दो प्लेट होते है। एक पॉजिटिव प्लेट और एक नेगेटिव प्लेट। जिसमे पॉजिटिव प्लेट लेड पेरोक्साइड (PbO2) और नेगेटिव प्लेट लेड (pb) का आवरण होता है। दोनों प्लेट मंद सल्फुरिक एसिड में डूबी हुई रहती है। दोनों का H2so4 के साथ केमिकल रिएक्शन होता है। और विध्युत एनर्जी उत्पन्न होती है।
सेल कनेक्टर –
एक सेल को दूसरे सेल से कनेक्ट करता है। जिससे 12 वाल्ट का बैटरी बनता है।
लेवल इंडिकेटर –
बैटरी में द्रावण का लेवल मेन्टेन होना चाहिए। यदि ये लेवल कम हो जाता है तो शुद्ध पानी (डिस्टिल्ड वाटर) ऐड करके लेवल मेन्टेन करना पड़ता है। लेवल कम होने से बैटरी का तापमान बढ़ जाता है और जल्दी ख़राब हो जाती है। इस लेवल को चेक करने के लिए बैटरी के ऊपर एक लेवल इंडिकेटर होता है।
वेंट प्लग –
Battery चार्जिंग डिस्चार्जिंग समय में केमिकल रिएक्शन के कारण बहुत ज्यादा गैस जनरेट होती है। उसे बहार निकाल ने के लिये एक वेंट प्लग दिया जाता है। जहासे गैस बहार निकलता है।
सीलिंग कंपाउंड –
कंपाउंड रबर को पिघलाकर कन्टेनर में इस्तेमाल किया जाता है। इसका मुख्य उदेश्य बैटरी को लीकेज प्रूफ बनाना है।
सेल कवर –
हार्ड रबर से बनाया जाता है। सेल को ढकने के लिए उपयोग किया जाता है।
टर्मिनल –
बैटरी में पॉजिटिव और नेगेटिव दो टर्मिनल होते है। जहासे हम वोल्टेज को मेजर कर सकते है। और टर्मिनल लग्स कनेक्ट करके सप्लाई उपकरण तक पंहुचा सकते है।
इंटरव्यू में जाने से पहले इसे एक बार जरुर पढ़े – Tips
इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू के सवाल और जवाब
प्रिवेंटिव मैंटेनैंस क्या है, कैसे करे ?
Battery Interview Questions –
Q1 – लेड एसिड बैटरी में द्रावण क्या होता है।
Answer – लेड एसिड बैटरी में द्रावण के रुप में मंद सल्फ्यूरिक एसिड और शुद्ध पानी का इस्तेमाल होता है।
Q2 – बैटरी का द्रावण कैसे तैयार किया जाता है।
Answer – बैटरी का द्रावण तैयार करने के लिए पानी में धीरे धीरे एसिड डाला जाता है।
Q3 – द्रावण में एसिड और पानी का प्रमाण क्या होता है।
Answer – लेड एसिड बैटरी का द्रावण हमें 1.180 से 1.120 स्पे . ग्रेविटी का बनाना है। इसके लिए पानी और एसिड का रेशियो 3:1 का होता है। 75% वाटर और 25% पानी होता है।
Q4 – पूर्ण चार्ज बैटरी का वोल्टेज और स्पेसिफिक ग्रेविटी कितनी होती है।
Answer – सम्पूर्ण चार्ज बैटरी की स्पेसिफिक ग्रेविटी 1.200 से 1.220 तक होती है। और वोल्टेज 2.0 से 2.2 तक होता है।
Q5 – चार्जर कितने प्रकार के होते है। कोनसे ?
चार्जिंग के तीन प्रकार होते है। 1 -ट्रिकल चार्जिंग 2 – फ्लोट चार्जिंग 3 – बूस्ट चार्जिंग
Trickle charging
ट्रिकल चार्जिंग वैल्यू बहुत स्लो होता है। ज्यादातर डेड बैटरी को एक्टिव करते समय इसका इस्तेमाल होता है।
Flot Charging
फ्लोट चार्जर में चार्जिंग रेट ट्रिकल चार्जिंग से ज्यादा होता है। आमतौर पे ज्यादातर बैटरी फ्लोट चार्जर से ही चार्जिंग की जाती है। इससे बैटरी में गैस भी कम निकलता है और चार्जिंग भी हो जाता है।
Boost Charger
बूस्ट चार्जिंग का इस्तेमाल बैटरी को जल्दी चार्ज करने के लिए किया जाता है। बैटरी डिस्चार्ज हो गयी हो और इमर्जन्सी में चार्ज करना हो,तो इस चार्जर का उपयोग किया जाता है। इसमें चार्जिंग प्रवाह ज्यादा होता है। केमिकल रिएक्शन जल्दी होता है। इसीलिए गैस उत्पन्न होता है।
Battery Service
Q6 – बैटरी मैंटेनैंस कैसे करते है ? Battery Maintenance
- बैटरी मेंटेनेंस के लिए प्रोटेक्टिव उपकरण पेहेनना जरुरी है। जैसे की हैंड ग्लोव्स, सेफ्टी गॉगल्स,सेफ्टी शूज़ विगेरे
- Battery में इलेक्ट्रोलाइट का लेवल चेक किया जाता है। जरुरत पड़ने पर शुद्ध पानी ऐड किया जाता है।
- बैटरी की बॉडी चेक की जाती है। इसमें किसी तरह का लीकेज और क्रैक नहीं होना चाहिए।
- हरएक सेल की स्पेसिफिक ग्रेविटी चेक किया जाता है।
- हरएक सेल का वोल्टेज और बैटरी का टोटल वोल्टेज चेक किया जाता है।
- एकदूसरे सेल को जोड़ती जम्पर लिंक प्रॉपर टाइट और प्रॉपर साइज की होनी चाहिए।
- वेंट प्लग और लेवल इंडिकेटर का फंक्शन चेक करना चाहिए।
- चार्ज -डिस्चार्ज के कारन बैटरी टर्मिनल पे करोजन हो जाता है। इसे नायलॉन ब्रूस से साफ करना चाहिए और पेट्रोलियम जेली लगाना चाहिए।
- Battery के चार्जर की स्थिति चेक कर लेना चाहिए। इंडिकेटिंग लैंप भी चेक कर लेना चाहिए।
- पूरी बैटरी और टर्मिनल कपडे से साफ कर लेना चाहिए।
- चार्जर पैनल ब्लोअर से साफ करे कनेक्शन टाइटनेस चेक करे।
- बैटरी रुम एरिया क्लीनिंग होना चाहिए।
Q7 – बैटरी में AH या MAH क्या है ? mAH Meaning in Hindi
AH या mAH ये बैटरी की कैपेसिटी दर्शाता है। ah का मीनिंग है एम्पेयर ऑवर और mah का मीनिंग है मिली एम्पेयर ऑवर। mah ये ah का छोटा एकम है। 3000 mah या 4000 mah की बैटरी ये शब्द हमने मोबाइल खरीदते वक्त सुना होगा।
1ah = 1000 mah जैसे की 1km = 1000meter
1 AH का मीनिंग – बैटरी पे लिखा AH का मतलब है, जब बैटरी चार्ज होगी तब एक घंटे तक एक एम्पेयर का प्रवाह दे पायेगी। या ने 1 एम्पेयर का लोड हम एक घंटे तक ले सकते है।
पर यदि हम 250 MAH का पावर यूज करते है तो ये बैटरी चार घंटे तक आउटपूत देगी। क्युकी
250ma*4h = 1000 MAH
Q8-Battery में स्पेसिफिक ग्रेविटी और वोल्टेज किसे चेक करते है।
Answer – स्पेसिफिक ग्रेविटी हाइड्रोमीटर से चेक होती है। और वोल्टेज वाल्ट मीटर या मल्टी मीटर से चेक किया जाता है।
Q9-लेड एसिड बैटरी में चार्जिंग, डिस्चार्जिंग में केमिकल प्रक्रिया का फार्मूला
Answer-
Battery In Hindi के इस आर्टिकल में बैटरी से जुडी पूरी जानकारी है। खास कर लेड एसिड बैटरी से जुडी जानकारी उपलब्ध है। इसके आलावा भी बैटरी से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।