अर्थशास्त्र के जनक कौन हैं? | Father of Economics in Hindi | Arthshastra ke janak kaun hai
Arthshastra ke janak kaun hai: अर्थशास्त्र एक बेहद ही राेचक सब्जेक्ट है। इस विषय को हर विद्यार्थी घोटकर पीना चाहता है, क्योंकि यह विषय एक विद्यार्थी को जीवन में सफल बनाती है। लेकिन यह विषय अपने आप में इतना उलझा हुआ है, कि इसे आसानी से समझ पाना नामुमकीन है। लेकिन जिस विद्यार्थी ने अर्थशास्त्र के सूत्रों को जीवन में अपना लिया वह अपनी बुद्धि का इस्तेमाल राष्ट्र निर्माण में कर सकता है।
दोस्तों अब आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि, यह अर्थशास्त्र क्या होता है, और Arthshastra ke janak kaun hai तो चिंता मत कीजिए, आज हम आपको बताएंगे कि अर्थशास्त्र क्या है? भारत में अर्थशास्त्र के जनक कौन है? अर्थशास्त्र का महत्व क्या है? अर्थशास्त्र को पढ़ने के फायदे क्या है? तो चलिए शुरू करते हैं
अर्थशास्त्र क्या है? | What is Economics?
अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान विषय का ही एक भाग होता है। जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के वितरण उनके और उनके इस्तेमाल तथा उपभोग का अध्ययन गहराई से किया जाता है। असल में अर्थशास्त्र एक संस्कृत शब्द है, जो अर्थ और शास्त्र के जोड़ यानी मेल से बना है। इन शब्दों का अर्थ “धन/सम्पदा का अध्ययन” होता है। यदि समय के संदर्भ में, जैसे कि वर्तमान भूतकाल भविष्य काल में धन के इस्तेमाल का अध्ययन किया जाए, तो इसे अर्थशास्त्र कहा जाता है।
साधारण तौर पर किसी भी विषय के संदर्भ में मनुष्य के कार्यों उनके इतिहास का क्रमबद्ध अध्ययन उस विषय का शास्त्र कहलाता है। अर्थशास्त्र में कई बार अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीतिक धर्म, सामाजिक संस्थान, उत्थान, पतन, युद्ध, नीति इन सब का भी गहन अध्ययन किया जाता है।
अर्थशास्त्र के जनक कौन हैं? | Arthshastra ke janak kaun hai?
Adam Smith (एडम स्मिथ) को अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है। इनका जन्म 5 जून 1723 को हुआ था, और 17 जुलाई 1790 को इनका देहांत हुआ था। यह मूल रूप से एक नीति व्यक्ति दार्शनिक और राजनीतिक व्यक्ति थे और महान अर्थशास्त्री थे। इन्होंने अपने समय में एक सबसे प्रसिद्ध किताब राष्ट्रों की संपदा लिखी थी।
इस किताब ने कार्ल मार्क्स, डेविड रिकार्डो से लेकर कई महान व्यक्तियों का दिमाग हिला कर रख दिया था। एडम स्मिथ कोई आम व्यक्ति नहीं थे, इन पर अरस्तु, जॉन लॉक, होम्स, फ्रांसिस हचसन, ह्यूम जैसे विद्वानों का तेज प्रभाव था। एडम स्मिथ ने अर्थशास्त्र राजनीति दर्शन के साथ-साथ नीति दर्शन और नीति शास्त्र में भी उल्लेखनीय काम किया था।
लेकिन अर्थशास्त्र में इतना महान काम किया कि इन्हें अर्थशास्त्र का जनक ही कहा जाने लगा। कई क्षेत्रों में इन्हें अर्थशास्त्र का पिता भी कहा जाता है। आधुनिक बाजारवाद को एडम स्मिथ के विचारों से मान्यता प्राप्त हुई। कई लोगों का मानना है कि इनका जन्म 16 जून 1723 को हुआ था।
इनका झुकाव अर्थशास्त्र की तरफ होने का एक कारण यह भी है कि इनके पिता कस्टम विभाग में अधिकारी थे, लेकिन इनके जन्म से पहले इनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी। वह अपने माता-पिता की अकेले संतान थे।
इनकी प्रकृति के बारे में मात्र 14 वर्ष की आयु में ही पता चल चुका था। यह अपनी उम्र के बच्चों से काफी अधिक अलग थे, जिसके कारण इनकी बुद्धि की वजह से इन्हें अलग ही ख्याति प्राप्त हुई।
एडम स्मिथ कौन थे? | Adam Smith kon tha
एडम स्मिथ को एक महान अर्थशास्त्री के नाम से पूरी दुनिया में जाने जाते है। स्मिथ का जन्म 5 जून या 16 जून को माना जाता है, 17 जुलाई 1790 को इन्होंने देह त्याग दिया। इनका अंतिम संस्थार स्कॉटलैंड में हुआ था।
स्मिथ ने यूनिवर्सिटी आफ ग्लास्गो शिक्षा प्राप्त की, तथा द स्टोरी ऑफ़ मोरल सेंटीमेंट तथा वेल्थ ऑफ नेशंस की किताब के द्वारा इन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई।
इनकी पॉलिटिकल, फिलोसॉफिकल, और एथिक्स के साथ-साथ इकोनॉमिक्स में भी भयंकर रुचि थी। स्कॉटलैंड में पैदा हुए एडम स्मिथ के पिता एक सीनियर सॉलीसीटर थे, तथा एडवोकेट प्रासीक्यूटर और कस्टम विभाग के अधिकारी भी थे। इनकी माता मार्गेरीटा थी, जोकि उस समय के जमीदार रॉबर्ट डग्लस की पुत्री थी।
4 साल की अल्प आयु में ही इन्हें किडनैप कर लिया गया था, जिसके बाद इन्हें बड़ी मुश्किल से रेस्क्यू कर इन्हें बचाया गया। वह अपनी माता के काफी करीब थे, और इसी कारण उन्होंने अपनी शिक्षा अपनी माता को समर्पित की।
उन्होंने उस समय के सबसे बेहतरीन स्कॉटलैंड के सेकेंडरी स्कूल kirkcaldy में विद्या प्राप्त की। इन्होंने अर्थशास्त्र के साथ-साथ गणित इतिहास और लेखन में भी कई पुरस्कार प्राप्त किए थे।
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भारत में अर्थशास्त्र के जनक कौन है?
दोस्तों, भारत में अर्थशास्त्र के जनक के रूप में “चाणक्य” को इंडियन इकोनामी का बादशाह या इंडियन इकोनॉमी का पितामह कहा जाता है। भारत के कई प्रांत में इन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है, और कई जगह विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र नामक किताब लिखी थी,हालांकि आधुनिक अर्थशास्त्र के जनक के रूप में एडम स्मिथ को पहचाना जाता है। लेकिन भारत के अर्थशास्त्री के तौर पर चाणक्य ही अर्थशास्त्र के पिता के रूप में जाने जाते हैं।
अर्थशास्त्र का महत्व | अर्थशास्त्र के फायदे
अर्थशास्त्र का महत्व मूल रूप से दो भागों में समझा जा सकता है। इसमें सैद्धांतिक महत्व और व्यावहारिक महत्व को ज्यादा बल दिया गया है।
अर्थशास्त्र के अंतर्गत किसी भी राज्य या भूमि के विधि का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
इससे धन के संबंध में ज्ञान की वृद्धि होती है, और आप धन और वस्तु तथा मूल्य के संदर्भ में सिद्धांतों की वृद्धि कर सकते हैं। आप में धन का महत्व समझने की शक्ति होती है, और इसके विश्लेषण का ज्ञान प्राप्त होता है। अर्थशास्त्र की मदद से अन्य शास्त्रों का भी संबंध पैदा किया जा सकता है।
व्यवहारिक महत्व इससे कहीं अधिक बड़ा है। अर्थशास्त्र के व्यावहारिक महत्व के अंतर्गत उत्पादकों श्रमिकों और उपभोक्ताओं को पहुंचाए जा सकने वाले लाभ के बारे में ज्ञान हासिल किया जाता है।
इन सभी के साथ व्यापारियों को, सरकार को, तथा समाज सुधारको को, किस प्रकार लाभ मिल सकता है इसके सभी क्षेत्रों का अध्ययन किया जाता है। अर्थशास्त्र के महत्व के अंतर्गत राजनीति प्रबंधक और विद्यार्थियों को किस प्रकार अर्थशास्त्र प्रभावित करता है, लाभ पहुंचाता है, हानि पहुंचाता है, यह भी समझा जाता है।
देश के उत्थान में और वैज्ञानिक दर्शन के लाभ में किस प्रकार अर्थशास्त्र अपनी भूमिका निभाता है इसे समझना भी काफी महत्वपूर्ण होता है।
FAQ
आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक कौन है?
सही उत्तर एडम स्मिथ है। एडम स्मिथ को आधुनिक अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है।
अर्थशास्त्र का जन्म कब हुआ था?
आधुनिक अर्थशास्त्र के विज्ञान का जन्म 1976 में एडम स्मिथ की पुस्तक ‘एन इंक्वायरी इन द नेचर एंड कॉज ऑफ वेल्थ ऑफ नेशंस’ के प्रकाशन के साथ हुआ था। इसी कारण एडम स्मिथ को ‘अर्थशास्त्र का जनक’ कहा जाता है।
भारत में अर्थशास्त्री कौन है?
कौटिल्य और अमर्त्य सेन भारत के महान अर्थशास्त्री हैं। भारत के सबसे पहले अर्थशास्त्री कौन थे? कौटिल्य जिनकी पुस्तक ‘अर्थशास्त्र‘ आज भी प्रासंगिक है।
अर्थशास्त्र कहां से आया?
‘अर्थशास्त्र’ शब्द दो ग्रीक शब्दों से बना है, ‘इको’ का अर्थ घर और ‘नोमोस’ का अर्थ लेखांकन है। यह विषय इस बारे में विकसित हुआ है कि पारिवारिक खातों को आज के व्यापक विषय में कैसे रखा जाए। 19वीं शताब्दी तक अर्थशास्त्र का दायरा बहुत धीरे-धीरे विस्तारित हुआ, लेकिन तब से यह तेजी से बढ़ रहा है।
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