Basic Electrical Interview Questions in Hindi के इस आर्टिकल में इलेक्ट्रिकल प्रोटेक्शन रिले से सम्बंधित इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल और जवाब का वर्णन किया है।
Relay kya hai ? Relay kaise kam karti hai ? Types of relay और अलग-अलग प्रोटेक्टिव रिले उपकरण को कैसे सुरक्षा प्रदान करता है।
इसके अतिरिक्त, Electrical Engineering interview questions एवं Electrician interview questions के लिंक दिए गए है। आशा हे ये आप के लिए मददगार होगा।
Basic Electrical Interview questions in Hindi
Protection relay
Question – IDMT रिले क्या है ? (IDMT Relay)
Answer – IDMT का पूरा नाम Inverse Definite Minimum Time Delay हे। इस रिले का ऑपरेटिंग inversely proportional होता हे। जो characteristic पे आधार रखता हे। किसी भी फॉल्ट के समय में हाई करंट फ्लो होता हे।
इस प्रकार की रिले में जितना करंट ज्यादा होगा उतना ट्रीपिंग टाइम कम होगा। याने करंट की वैल्यू पे आधार रखेगा की ये कितने समय में ट्रिपिंग देगा।
Question – प्रोटेक्टिव रिले का मुख्य काम क्या हे ?
Answer – प्रोटेक्टिव रिले का मुख्य काम हे प्रोटेक्ट करना,सिस्टम को,सर्किट को,उपकरण को सुरक्षा प्रदान करना हे। रिले में सेट की गयी वैल्यू के आधार पे किसी भी असामान्य स्थिति में सर्किट ब्रेकर को ट्रिप होने का कमांड देता हे। और सर्किट ब्रेकर ट्रिप हो जाता हे याने सर्किट से अलग हो जाता हे। इसीलिए,बड़े नुकशान से या अकस्मात् से बच सकते हे।
इसके अतिरिक्त कोई भी फॉल्ट होता हे तो इसका इंडिकेशन भी हमें मिलता हे। जिसके कारण उसको हल करने ने में आसानी होती हे।
Question – इम्पीडेन्स रिले,रिएक्टेंस रिले और Mho रिले कहा उपयोग होती हे।
Answer – इम्पीडेन्स रिले ये फेज फाल्ट के प्रोटेक्शन रिले हे। ट्रांसमिशन लाइन में मध्यम लम्बाई तक इस्तेमाल होती हे। रिएक्टेंस टाइप रिले ग्राउंड फाल्ट के लिए इस्तेमाल होती है और Mho टाइप रिले जहा लम्बी ट्रांसमिशन लाइन हो वहा इस्तेमाल किया जाता है।
Question – स्टैटिक रिले क्या है ? (Static Relay)
Answer – ये एक प्रोटेक्टिव रिले का टाइप हे। जिसमे कोई भी मूविंग पार्ट नहीं होता। इसीलिए, इसे स्टैटिक रिले कहा जाता है। इस रिले में मेगनेट और इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट रहते हे। इसमें किसी भी प्रकार की कोइल नहीं होती।
स्टेटिक रिले में CT, रेक्टिफायर,रिले मेजरिंग सर्किट,एम्प्लीफायर और आउटपुट डिवाइस का इस्तेमाल होता हे।
करंट ट्रांसफार्मर की इनपुट ट्रांसमिशन लाइन से कनेक्ट होती है। और आउटपुट रेक्टिफायर से कनेक्ट होता है।
रेक्टिफायर सिग्नल को रेक्टिफाई करके मेजरिंग सर्किट को देता है। और यहा से एम्प्लीफायर में एम्प्लिफाय होके आउटपुट डिवाइस को मिलता हे। जहा से ट्रिपिंग कोयल को ट्रिप का सिग्नल मिलता है।
Question – शॉर्ट सर्किट क्या हे ? इसका क्या असर होता हे ?
Answer – इलेक्ट्रिकल सर्किट में किसी कारण वश दो फेज एक दूसरे के साथ टच हो जाता हे। या फिर फेज और न्यूट्रल एक दूसरे के संपर्क में आ जाये तो ऐसे वक्त में वहा स्पार्क होता हे और हाई करंट जनरेट होता हे। उसे शार्ट सर्किट कहते हे।
शार्ट सर्किट में बहने वाले करंट की वैल्यू बहुत ज्यादा होती हे। आमतौर पे इलेक्ट्रिकल सर्किट में इसके लिए प्रोटेक्टिव रिले लगायी जाती हे। जो शार्ट सर्किट के हाई करंट को सेन्स करती हे और ट्रिपिंग सर्किट को क्लोज करती हे। जिसे ब्रेकर को ट्रिप होने का कमांड मिलता हे। और ब्रेकर सर्किट से अलग हो जाता हे। जिसे हम बड़े नुकशान से बच सकते हे।
Electrical interview Questions – Transformer
Question – सर्किट में प्राइमरी प्रोटेक्शन का मतलब क्या हे ?
Answer – यदि किसी इलेक्ट्रिक सर्किट में या लाइन में फाल्ट होता हे। और ये फाल्ट उसी सर्किट या लाइन के प्रोटेक्शन के लिए लगायी गयी रिले द्वारा सेन्स होता हे। और सर्किट ब्रेकर को ट्रिप करवाता हे तो उसे प्राइमरी प्रोटेक्शन कहते हे।
Question – REF रिले क्या होती हे ? (REF Relay)
Answer – REF का पूरा नाम हे Restricted Earth Fault रिले।
इस प्रकार की रिले ट्रांसफार्मर में इंटरनल अर्थ फाल्ट प्रोटेक्शन के लिए इस्तेमाल होती हे। समान रेशियो वाली दो CT एक ट्रांसफार्मर फेज में और न्यूट्रल में कनेक्ट होती हे। दोनों के कनेक्शन पेरेलल होते हे।
ये दो नो के करंट सेंसिंग में कोई तफावत आता हे तो रिले से ट्रिपिंग का कमांड मिलता हे। ये रिले एक्सटर्नल फाल्ट में ऑपरेट नहीं होती।
Question – सर्किट में बेक अप प्रोटेक्शन क्या हे ?
Answer – ये सर्किट या लाइन के प्रोटेक्शन की दूसरी लाइन हे। किसी कारण वश सर्किट के पहले प्रोटेक्शन डिवाइस ने काम नहीं किया ऐसे वक्त में बेक अप प्रोटेक्शन के लिए दूसरी रिले होती हे।
जो Definite time delay के मुताबिक काम करती हे। याने पहला प्रोटेक्शन फ़ैल हुआ तो दूसरा प्रोटेक्शन को सुरक्षा प्रदान करता हे उसे बेक उप प्रोटेक्शन कहते हे।
Electrical Engineering Interview questions in Hindi-Motor
Question – ओवर करंट क्या है ? रिले कैसे काम करती हे ?
Answer – ओवर करंट रिले प्रोटेक्शन डिवाइस हे। ओवर करंट का मतलब हे जब कोई इक्विपमेंट या सर्किट में हम ने जो करंट वैल्यू सेट की हे। और उस वैल्यू से ज्यादा करंट सर्किट में से पसार होता हे तो उसे ओवर करंट कहते हे। और सेटिंग के आधार पे रिले सर्किट को ट्रिप करता हे जिसे ओवर करंट रिले कहते हे।
Question – अंडर करंट क्या है ? क्यू जरुरी हे ?
Answer- अंडर करंट का महत्व भी ओवर करंट से कम नहीं हे। उसका सेटिंग रिले में किया जाता हे। और सेटिंग के आधार पे उपकरण को सर्किट से अलग कर देता हे। उदहारण के तोर पे, कोई एक पंप जो पानी पोहचाता हे वो यदि किसी कारण वश पानी छोड़ दे तो ऐसी स्थिति में वो अंडर लोड में घूमेगा।
बिना लोड में गुमने के कारण उसका करंट कम होगा पर टेम्प्रेचर बढ़ जायेगा। और ये टेम्प्रेचर पंप को भी नुकसान कर सकता हे। साथ ही साथ मोटर को भी जला सकता हे। ऐसे में अंडर करंट का प्रोटेक्शन होता हे तो ये सुरक्षा प्रदान करता हे।
Question- ओवर अंडर frequency रिले कहा और क्यों इस्तेमाल होता हे ?
Answer – ओवर अंडर फ्रीक्वेंसी रिले का इस्तेमाल अल्टरनेटर और ट्रांसफार्मर में करते हे। इलेक्ट्रिकल फ्रीक्वेंसी हरेक देश की त्यय होती हे। उसी के आधार पे उपकरण को बनाया जाता हे। जैसे हमारे भारत देश में फ्रीक्वेंसी 50c/s हे।
यदि फ्रीक्वेंसी बढ़ती हे तो तो V/F के हिसाब से वोल्टेज भी बढ़ता हे। और कम होती हे तो वोल्टेज भी कम हो जाता हे। ऐसे में कुछ वैल्यू से ज्यादा Unbalance वोल्टेज उपकरणों को नुकशान कर सकता हे। वाइंडिंग जला सकता हे। इसीलिए,ओवर अंडर फ्रीक्वेंसी रिले का इस्तेमाल होता हे।
Question- डायरेक्शनल रिले की विशेषता क्या हे ? (Directional Relay)
Answer – इस रिले का इस्तेमाल हाई स्पीड ओप्रशन के लिए उपयोग होता हे। डायरेक्शनल रिले की सेंसिटिविटी बहेतरीन होती हे। लॉ वोल्टेज पे काम करने की क्षमता हे। इसीलिए जहा ज्यादा क्रिटिकल स्थिति हो वहा इसका इस्तेमाल होता हे। उपयोग करने से पहले इसका बर्डन चेक करना चाहिए।
Question- अल्टरनेटर में क्या क्या फाल्ट हो सकते है ?
Answer – अल्टरनेटर में अलग-अलग टाइप के फाल्ट आ सकते हे।
स्टेटर के वाइंडिंग में फेज टू फेज फाल्ट,फेज टू अर्थ फाल्ट और इंटर टर्न फाल्ट हो सकता हे। इसके अतिरिक्त अर्थ फाल्ट,टर्न का शार्ट होना,एक्साइटेशन फ़ैल होना,ओवर स्पीड होना इस प्रकार के फाल्ट अल्टरनेटर में हो सकते हे।
Question – ट्रांसफार्मर में इंटरनल प्रोटेक्शन के लिए क्या होता हे ?
Answer – ट्रांसफार्मर में इंटरनल प्रोटेक्शन के लिए बुचोल्ज रिले,वाइंडिंग टेम्प्रेचर इंडिकेटर, आयल टेम्प्रेचर इंडिकेटर,आयल लेवल इंडिकेटर,एक्सप्लोज़न वेंट जैसे प्रोटेक्शन होते हे। जो अलग-अलग असामान्य परिस्थिति में सुरक्षा प्रदान करते हे।
Question – माइक्रोप्रोसेसर बेस्ड रिले क्या है ? (Microprocessor Relay )
Answer – ये एक एडवांस प्रोटेक्टिव डिवाइस हे। जिसे मल्टी परपज प्रोग्रामेबल क्लॉक ड्रिवेन रेसिस्टर बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कहते हे। उसे न्युमिरिक् रिले भी कहते हे।
बिजली उत्पन्न करने वाले उपकरण और बिजली ट्रांसमिट करने वाली सिस्टम को विश्वसनीयता से सुरक्षा प्रदान करने वाली प्रोटेक्टिव डिवाइस की जरुरत होती हे।
जहा पे माइक्रोप्रोसेसर रिले की विश्वसनीयता कारगर साबित होती है। माइक्रोप्रोसेसर जो इन्स्ट्रशन को रीड करता है मेमोरि से। इनपुट डाटा एक्सेपट करता हे बाईनेरी से। बाईनेरी डाटा का प्रोसेस होता हे मेमोरी में स्टोर इन्स्ट्रशन के आधार पे। और जो भी उसका रिजल्ट आता हे उसको डिस्प्लै करता हे आउटपुट में। जो हमें असामान्य स्थिति में ट्रिपिंग के तोर पे मिलता हे।
Question – नेगेटिव सीक्वन्स रिले कहा लगायी जाती है ?
Answer – नेगेटिव सीक्वन्स रिले का इस्तेमाल जनरेटर और मोटर में किया जाता हे। इस प्रकार की रिले से Unbalance लोडिंग के सामने प्रोटेक्शन मिलता हे।
Question – डिफरेंशियल प्रोटेक्शन रिले क्या है ? (Differential Relay)
Answer – इस प्रकार की रिले का इस्तेमाल जनरेटर,मोटर,बसबार एवं ट्रांसफार्मर की सुरक्षा के लिए किया जाता हे। डिफरेंशियल प्रोटेक्शन रिले किसी भी उपकरण के एक फेज में दो CT लगायी जाती है।
एक इनपुट और एक आउटपूत में, दोनों CT में से पसार होने वाले करंट की वैल्यू एक समान होनी चाहिए। यदि इसमें डिफ़्फेरन्स आता हे तो उसे सेन्स करके ट्रिपिंग का कमांड ब्रेकर को मिलता हे। इसमें उपकरण के फेज डिप्लसेमेन्ट 180’डिग्री होना चाहिए।
Question- प्रोग्रामेबल रिले क्या है ?
Answer – जिसमे हम प्रोग्राम कर सकते हे। जैसे की स्टेटिक रिले जो माइक्रोप्रोसेसर बेस पे काम करती हे उसे प्रोग्रामेबल रिले कहते हे।
Question – डिफरेंशियल रिले कितने प्रकार के होते हे ?
Answer -डिफरेंशल रिले चार प्रकार के होते हे।
1 -करंट डिफरेंशियल रिले
2 -वोल्टेज डिफरेंशियल रिले
3 -परसेंटेज डिफरेंशियल रिले
4 -वोल्टेज बैलेन्स डिफरेंशियल रिले
ITI Electrician Interview questions
Question – डिफरेंशियल रिले की खाशियत क्या होनी चाहिए ?(Differential Relay)
Answer – इस प्रकार की रिले
- हाई स्पीड ओप्रशन होना चाहिए
- हाई सेंसिटिविटी होनी चाहिए
- शार्ट सर्किट के लिए थर्मल रेटिंग पर्याप्त होना चाहिए
- लौ वोल्टेज पे ऑपरेट होने की क्षमता होनी चाहिए
- रिले का बर्डन ज्यादा नहीं होना चाहिए
Question- ट्रांसमिशन लाइन के प्रोटेक्शन के लिए कोनसी रिले का इस्तेमाल होता है ?
Answer – आमतौर पे ट्रांसमिशन लाइन में जो प्रोटेक्शन रिले इस्तेमाल होती हे वह
- ओवर करंट रिले
- डायरेक्शनल रिले
- डिस्टन्स रिले
- अंडर वोल्टेज रिले
- अंडर फ्रीक्वेंसी रिले
- थर्मल रिले
- डिफ्रेंशियल रिले
- फेज सिक़्वेन्स रिले
Question – इलेक्ट्रिकल सिस्टम प्रोटेक्शन के आधार पे कैसे विभाजित होती है ?
Answer – इलेक्ट्रीकल प्रोटेक्शन सिस्टम प्रोटेक्शन आधार पे
- जनरेटर प्रोटेक्शन
- ट्रांसफार्मर प्रोटेक्शन
- बसबार प्रोटेक्शन
- ट्रांसमिशन लाइन प्रोटेक्शन
- फीडर प्रोटेक्शन
Question – रिवर्स पावर रिले क्या है ?
Answer – रिवर्स पावर रिले का काम यदि किसी परिस्थिति में पावर का डायरेक्शन चेंज होता हे तो ऐसी स्थिति में प्रोटेक्शन रिले ऑपरेट होके सुरक्षा प्रदान करता है।
जैसे की पावर सप्लाई का फ्लो ग्रिड से जनरेटिंग स्टेशन की तरफ आता है तो ये रिवर्स पावर है। इस रिवर्स पावर प्रोटेक्ट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसे डायरेक्शनल प्रोटेक्टिव रिले भी कहते हे।
इस प्रकार की रिले का इस्तेमाल जनरेटिंग स्टेशन में दो या दो से ज्यादा जनरेटर को पेरेलल में चलाते है वहा किया जाता है।
Electrical Interview Questions-Generator
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Question- रेजिस्टेंस ग्राउंड सिस्टम और रेजिस्टेंस अर्थिंग सिस्टम में क्या अंतर है ?
Answer – रेजिस्टेंस ग्राउंड सिस्टम में सिस्टम के न्यूट्रल को अर्थ किया जाता है। जहा से लोड ग्राउंड से कनेक्ट होता है। और यदि इसमें unbalance होता है तो रेसिडुएल करंट को CT के द्वारा सेंस किया जाता हे।
रेजिस्टेंस अर्थिंग सिस्टम में इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स की बॉडी से अर्थिंग को कनेक्ट किया जाता है। जो अर्थ फाल्ट के समय में सुरक्षा प्रदान करता है।
Question- डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में लाइटिंग एरेस्टर कहा लगाते है ?
Answer – आमतौर पे लाइटिंग एरेस्टर पावर ट्रांसफार्मर,11kv,33kv के फीडर के पास और सबस्टेशन के नजदीक लगाया जाता है।
Question – सर्ज एरेस्टर और लाइटिंग एरेस्टर में क्या अंतर है ?
Answer – लाइटिंग एरेस्टर आउटसाइड में बिल्डिंग के टॉप पे लगाया जाता है। जिसको अर्थिंग पिट से कनेक्ट करते है। लाइटिंग एरेस्टर आकाशी बिजली से सुरक्षा के लिए लगाया जाता है।
सर्ज एरेस्टर को पैनल के अंदर प्रतिरोधों के साथ लगाया जाता है। ये खुद Energy Consume करता है। और सर्ज की असर को दूर करता हे।
Question – थ्री पिन टॉप में अर्थिंग पिन मोटा और लंबा क्यू होता है ?
Answer –इलेक्ट्रिकल सर्किट में कोई फॉल्ट होता है तो हाई करंट पसार होता है।
इस फाल्ट करंट को सस्टेन करने के लिए थ्री पिन टॉप में अर्थिंग की पिन मोटी होती है। और लंबा इसीलिए होता हे की किसी उपकरण के साथ कनेक्ट किया जाये तो सबसे पहले अर्थिंग कनेक्ट होगा।
जिसे उपकरण लाइन से कनेक्ट होने से पहले अर्थिंग से कनेक्ट होता है। ये सुरक्षा के हिसाब से उत्तम है।
Power Factor – Basic Electrical Interview Questions in Hindi