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भ्रष्टाचार पर निबंध – Corruption Essay in Hindi – Bhrashtachar par Nibandh

भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। ऐसा कार्य जो अपने स्वार्थ सिद्धि की कामना के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को ताक पर रख कर किया जाता है, भ्रष्टाचार कहलाता है। भ्रष्टाचार भारत समेत अन्य विकासशील देश में तेजी से फैलता जा रहा है। भ्रष्टाचार के लिए ज्यादातर हम देश के राजनेताओं को ज़िम्मेदार मानते हैं पर सच यह है कि देश का आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के विभिन्न स्वरूप में भागीदार हैं। वर्तमान में कोई भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है।

भ्रष्टाचार पर निबंध (100 – 200 शब्द) – Bhrashtachar par Nibandh

“भ्रष्टाचार” एक ऐसी समस्या है जो हमारे समाज को गंभीर रूप में प्रभावित कर रही है। यह एक ऐसी बीमारी है जो हमारे देश की स्थायित्व और विकास को खतरे में डाल रही है। भ्रष्टाचार का मतलब है नीतियों और नियमों का अनुचित पालन, धन का अनुचित इस्तेमाल और अधिकारों के दुरुपयोग।

भ्रष्टाचार हमारे समाज की एक बड़ी बीमारी की तरह है। यह न केवल धन की बर्बादी करता है, बल्कि इससे सामाजिक और आर्थिक संरक्षण भी प्रभावित होता है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। हमें अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और दुसरों को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने में सहायता करनी चाहिए।

छोटे उम्र में ही हमें इस बुराई के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए। हमें सच्चाई और ईमानदारी के माध्यम से अपने काम करने चाहिए। इससे हम अपने समाज को एक सच्चे और ईमानदार दिशा में ले जा सकते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और समाज को एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

भ्रष्टाचार पर निबंध (300 शब्द) – Essay on Corruption in Hindi

परिचय

अवैध तरीकों से धन अर्जित करना भ्रष्टाचार है, भ्रष्टाचार में व्यक्ति अपने निजी लाभ के लिए देश की संपत्ति का शोषण करता है। यह देश की उन्नति के पथ पर सबसे बड़ा बाधक तत्व है। व्यक्ति के व्यक्तित्व में दोष निहित होने पर देश में भ्रष्टाचार की मात्रा बढ़ जाती है।

भ्रष्टाचार क्या है?

भ्रष्टाचार एक ऐसा अनैतिक आचरण है, जिसमें व्यक्ति खुद की छोटी इच्छाओं की पूर्ति हेतु देश को संकट में डालने में तनिक भी देर नहीं करता है। देश के भ्रष्ट नेताओं द्वारा किया गया घोटाला ही भ्रष्टाचार नहीं है अपितु एक ग्वाले द्वारा दूध में पानी मिलाना भी भ्रष्टाचार का स्वरूप है।

भ्रष्टाचार के कारण

  • देश का लचीला कानूनभ्रष्टाचार विकासशील देश की समस्या है, यहां भ्रष्टाचार होने का प्रमुख कारण देश का लचीला कानून है। पैसे के दम पर ज्यादातर भ्रष्टाचारी बाइज्जत बरी हो जाते हैं, अपराधी को दण्ड का भय नहीं होता है।
  • व्यक्ति का लोभी स्वभावलालच और असंतुष्टि एक ऐसा विकार है जो व्यक्ति को बहुत अधिक नीचे गिरने पर विवश कर देता है। व्यक्ति के मस्तिष्क में सदैव अपने धन को बढ़ाने की प्रबल इच्छा उत्पन्न होती है।
  • आदतआदत व्यक्ति के व्यक्तित्व में बहुत गहरा प्रभाव डालता है। एक मिलिट्री रिटायर्ड ऑफिसर रिटायरमेंट के बाद भी अपने ट्रेनिंग के दौरान प्राप्त किए अनुशासन को जीवन भर वहन करता है। उसी प्रकार देश में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से लोगों को भ्रष्टाचार की आदत पड़ गई है।
  • मनसाव्यक्ति के दृढ़ निश्चय कर लेने पर कोई भी कार्य कर पाना असंभव नहीं होता वैसे ही भ्रष्टाचार होने का एक प्रमुख कारण व्यक्ति की मनसा (इच्छा) भी है।

निष्कर्ष

भ्रष्टाचार देश में लगा वह दीमक है जो अंदर ही अंदर देश को खोखला कर रहा है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व का आईना है जो यह दिखाता है व्यक्ति लोभ, असंतुष्टि, आदत और मनसा जैसे विकारों के वजह से कैसे मौके का फायदा उठा सकता है।

निबंध 2 (400 शब्द) – भ्रष्टाचार के प्रकार, परिणाम व उपाय

परिचय

अपना कार्य ईमानदारी से न करना भ्रष्टाचार है अतः ऐसा व्यक्ति भ्रष्टाचारी है। समाज में आये दिन इसके विभिन्न स्वरूप देखने को मिलते हैं। भ्रष्टाचार के संदर्भ में यह कहना मुझे अनुचित नहीं लगता, वही व्यक्ति भ्रष्ट नहीं हैं जिन्हें भ्रष्टाचार करने का अवसर नहीं मिला।

भ्रष्टाचार के विभिन्न प्रकार

  • रिश्वत की लेन-देन – सरकारी काम करने के लिए कार्यालय में चपरासी (प्यून) से लेकर उच्च अधिकारी तक आपसे पैसे लेते हैं। इस काम के लिए उन्हें सरकार से वेतन प्राप्त होता है वह वहां हमारी मदद के लिए हैं। इसके साथ ही देश के नागरिक भी अपना काम जल्दी कराने के लिए उन्हे पैसे देते हैं अतः यह भ्रष्टाचार है।
  • चुनाव में धांधली – देश के राजनेताओं द्वारा चुनाव में सरेआम लोगों को पैसे, ज़मीन, अनेक उपहार तथा मादक पदार्थ बांटे जाते हैं। यह चुनावी धान्धली असल में भ्रष्टाचार है।
  • भाई-भतीजावाद – अपने पद और शक्ति का गलत उपयोग कर लोग भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं। वह अपने किसी प्रिय जन को उस पद का कार्यभार दे देते हैं जिसके वह लायक नहीं हैं। ऐसे में योग्य व्यक्ति का हक उससे छिन जाता है।
  • नागरिकों द्वारा टैक्स चोरी – नागरिकों द्वारा टैक्स भुगतान करने हेतु प्रत्येक देश में एक निर्धारित पैमाना तय किया गया है। पर कुछ व्यक्ति सरकार को अपने आय का सही विवरण नहीं देते और टैक्स की चोरी करते हैं। यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में अंकित है।
  • शिक्षा तथा खेल में घूसखोरी – शिक्षा तथा खेल के क्षेत्र में घूस लेकर लोग मेधावी व योग्य उम्मीदवार को सीटें नहीं देते बल्कि जो उन्हें घूस दे, उन्हें दे देते हैं।

इसी प्रकार समाज के अन्य छोटे से बड़े क्षेत्र में भ्रष्टाचार देखा जा सकता है। जैसे राशन में मिलावट, अवैध मकान निर्माण, अस्पताल तथा स्कूल में अत्यधिक फीस आदि। यहां तक की भाषा में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। अजय नावरिया के शब्दों में “मुंशी प्रेमचंद्र की एक प्रसिद्ध कहानी सतगति में लेखक द्वारा कहानी के एक पात्र को दुखी चमार कहा गया है, यह आपत्तिजनक शब्द के साथ भाषा के भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है। वहीं दूसरे पात्र को पंडित जी नाम से संबोधित किया जाता है। कहानी के पहले पात्र को “दुखी दलित” भी कहा जा सकता था।“

भ्रष्टाचार के परिणाम

समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार देश की उन्नति में सबसे बड़ा बाधक तत्व है। इसके वजह से गरीब और गरीब होता जा रहा है। देश में बेरोजगारी, घूसखोरी, अपराध की मात्रा में दिन-प्रतिदन वृद्धि होती जा रही है यह भ्रष्टाचार के फलस्वरूप है। किसी देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारणवश परिणाम यह है की विश्व स्तर पर देश के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाते हैं।

भ्रष्टाचार के उपाय

  • भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कानून – हमारे संविधान के लचीलेपन के वजह से अपराधी में दण्ड का बहुत अधिक भय नहीं रह गया है। अतः भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है।
  • कानून की प्रक्रिया में समय का सदुपयोग कानूनी प्रक्रिया में बहुत अधिक समय नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। इससे भ्रष्टाचारी को बल मिलता है।
  • लोकपाल कानून की आवश्यकता – लोकपाल भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों को सुनने का कार्य करता है। अतः देश में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु लोकपाल कानून बनाना आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त लोगों में जागरूकता फैला कर, प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बना और लोगों का सरकार तथा न्याय व्यवस्था के प्रति मानसिकता में परिवर्तन कर व सही उम्मीदवार को चुनाव जिता कर भ्रष्टाचार रोका जा सकता है।

निष्कर्ष

हर प्रकार के भ्रष्टाचार से समाज को बहुत अधिक क्षति पहुंचती है। हम सभी को समाज का ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह प्रण लेना चाहिए, न भ्रष्टाचार करें, न करनें दें।

भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on Corruption in Hindi) (500 – 600 शब्द)

प्रस्तावना

भ्रष्टाचार एक ऐसा अभिशाप है जो हमारे समाज को भीतर से खोखला कर रहा है। यह केवल आर्थिक नुकसान ही नहीं बल्कि समाज के नैतिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न करता है। आज भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में अपनी जड़ें फैला चुका है, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवा हो, व्यापार हो या सरकारी कार्यालय। भ्रष्टाचार का दुष्प्रभाव सबसे अधिक गरीब और कमजोर वर्ग पर पड़ता है, जो अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं।

भ्रष्टाचार के प्रकार

  • आर्थिक भ्रष्टाचार: इसमें रिश्वत, घोटाला, कर चोरी, आदि शामिल हैं। यह सीधे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।
  • राजनीतिक भ्रष्टाचार: इसमें चुनाव में धोखाधड़ी, घूसखोरी, सत्ता का दुरुपयोग आदि शामिल है।
  • प्रशासनिक भ्रष्टाचार: इसमें सरकारी अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध लाभ कमाना है।
  • सामाजिक भ्रष्टाचार: इसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों में फैली असमानता और अन्याय शामिल है।

भ्रष्टाचार के कारण

भ्रष्टाचार के मुख्य कारण लोगों में नैतिक मूल्यों की कमी, कानूनी व्यवस्था का कमजोर होना, कानून का सही ढंग से पालन न होना, सजा का डर न होना, शिक्षा और जागरूकता की कमी, आर्थिक असमानता, गरीबी और बेरोजगारी इत्यादि लोगों को भ्रष्टाचार की ओर धकेलती है।

भ्रष्टाचार के प्रभाव

  • आर्थिक प्रभाव: भ्रष्टाचार के कारण देश की आर्थिक प्रगति रुक जाती है। विश्व बैंक के अनुसार, भारत में भ्रष्टाचार के कारण हर साल लगभग 20% GDP का नुकसान होता है।
  • सामाजिक प्रभाव: भ्रष्टाचार के कारण समाज में असमानता बढ़ती है और गरीब और गरीब हो जाते हैं।
  • राजनीतिक प्रभाव: भ्रष्टाचार के कारण जनता का विश्वास सरकार और न्यायपालिका से उठ जाता है।
  • मानवाधिकारों का हनन: भ्रष्टाचार के कारण लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं, जिससे मानवाधिकारों का हनन होता है।

2024 में भारत में हुए भ्रष्टाचार के उदाहरण

  • चुनावी बांड विवाद: राजनीतिक दलों को फंडिंग करने में चुनावी बांड के उपयोग को लेकर एक बड़ा विवाद हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार कुछ कंपनियों ने इन बांडों का उपयोग करके राजनीतिक दलों को पर्याप्त योगदान दिया है, जिससे पोलिटिकल फाइनेंसिंग में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं।
  • नकली दवाइयों का रैकेट: दिल्ली में नकली कैंसर और मधुमेह की दवाइयों के वितरण से जुड़े एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। जिसमें गिरफ्तार हुए चार व्यक्तियों में से एक सीरियाई नागरिक भी शामिल था, जो तुर्की और मिस्र से भारत में नकली दवाइयों की आपूर्ति करते थे​।
  • महाराष्ट्र के आरोप: महाराष्ट्र राज्य में पुनर्विकास परियोजनाओं से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इन आरोपों में गांधी और शिवाजी जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों की मूर्तियों को अनुचित तरीके से हटाना और फिर से स्थापित करना शामिल है, जो कथित तौर पर इन पुनर्विकास प्रयासों का हिस्सा हैं​।

भ्रष्टाचार से निपटने के उपाय

  • भ्रष्टाचार रोकने के लिए कठोर और प्रभावी कानूनों की आवश्यकता है।
  • लोगों में शिक्षा और जागरूकता फैलाकर भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों के बारे में बताया जाना चाहिए।
  • सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देकर बच्चों में सही और गलत का भेद सिखाया जाना चाहिए।
  • जनता को जागरूक और संगठित करके उन्हें भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय करना चाहिए।

निष्कर्ष

भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है जो हमारे समाज और देश के विकास में बाधा डाल रही है। इससे निपटने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करना होगा। केवल सरकार या कानून के बल पर इस समस्या का समाधान संभव नहीं है, बल्कि हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा और ईमानदारी का दामन थामना होगा। यदि हम सभी मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त आंदोलन खड़ा करें, तो निश्चित ही हम इस अभिशाप से मुक्त हो सकते हैं और एक समृद्ध और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।

Corruption Essay

FAQs: Frequently Asked Questions on Corruption (भ्रष्टाचार पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1- विश्व का सबसे भ्रष्ट देश कौन सा है?

उत्तर- सोमालिया (2024 के सर्वे के अनुसार)

प्रश्न 2- भारत भ्रष्टाचार के मामले में किस स्थान पर है?

उत्तर- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार भारत भ्रष्टाचार के मामले में 93 वें स्थान पर है।

प्रश्न 3- भारत का सबसे भ्रष्ट राज्य कौन सा है?

उत्तर- राजस्थान

प्रश्न 4- भारत के किस राज्य में भ्रष्टाचार सबसे कम है?

उत्तर- केरल

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